डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन - आरबीआई - Reserve Bank of India
डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन
17 जनवरी 2023 डीआरजी अध्ययन संख्या 48: भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन के निर्धारक: मिज़ोरम का एक मामला अध्ययन" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन के सह-लेखक भारतेंदु सिंह, राज राजेश, रमेश गोलैट और के. सैमुअल एल. हैं। इस अध्ययन में मिजोरम राज्य में किए गए एक सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्र किए गए प्राथमिक आंकड़ों के आधार पर भारत के अल्प-बैंक वाले उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता के निर्धारकों का मूल्यांकन किया गया है। मिजोरम के चार जिलों के आठ ब्लॉकों से कुल 523 उत्तरदाताओं का चयन किया गया था। इस अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष निम्नानुसार हैं:
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1564 1 वर्तमान हित के विषयों पर मजबूत विश्लेषणात्मक और अनुभवजन्य आधार द्वारा समर्थित त्वरित और प्रभावी नीति-उन्मुख अनुसंधान करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग में विकास अनुसंधान समूह (डीआरजी) का गठन किया गया है। डीआरजी अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक के बाहर के विशेषज्ञों और बैंक के भीतर अनुसंधान प्रतिभा के समूह के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है। ये अध्ययन पेशेवर अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के बीच रचनात्मक चर्चा उत्पन्न करने की दृष्टि से व्यापक प्रसार के लिए जारी किए गए हैं। डीआरजी अध्ययन केवल भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाते हैं और कोई मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी। |