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डीआरजी अध्ययन संख्या 49: भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण

6 जुलाई 2023

डीआरजी अध्ययन संख्या 49: भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर "भारतीय सब्जी बाजार में कीमत अस्थिरता संचारण का गहन विश्लेषण" शीर्षक से डीआरजी अध्ययन1 जारी किया। इस अध्ययन का सह-लेखन पूजा पाढी, हिमानी शेखर और आकांक्षा हांडा द्वारा किया गया है।

अध्ययन तीन प्रमुख सब्जियों अर्थात टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) के लिए क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर अस्थिरता संचारण की जांच करता है। क्षैतिज अस्थिरता संचारण का संबंध एक सब्जी से दूसरी सब्जी में संचारण से है, जबकि ऊर्ध्वाधर अस्थिरता संचारण का तात्पर्य आपूर्ति श्रृंखला अर्थात थोक और खुदरा कीमतों के बीच संचारण से है। यह अध्ययन उपभोक्ता मामला विभाग (डीसीए) से प्राप्त जनवरी 2011 से मार्च 2021 की अवधि के दौरान इन सब्जियों की दैनिक थोक और खुदरा कीमतों पर आधारित है। यह अध्ययन सब्जियों में अस्थिरता संचारण (अर्थात क्षैतिज संचारण) और उनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं में (अर्थात, ऊर्ध्वाधर संचारण) विश्लेषण करने के लिए बाबा-एंगल-क्राफ्ट-क्रोनर (बीईकेके) जेनेरलाइसेड ऑटोरेग्रेसिव कंडीशनल हेटेरोस्केडैस्टिसिटी (जीएआरसीएच) मॉडल और डायनेमिक कंडीशनल कोरिलेशन (डीसीसी) मॉडल का उपयोग करता है। अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

  • सब्जियों में क्षैतिज कीमत अस्थिरता संचारण टमाटर से लेकर प्याज और आलू तक, खुदरा और थोक दोनों बाज़ारों में देखा जा सकता है।

  • जबकि प्याज और टमाटर के मामले में थोक और खुदरा कीमतों के बीच अस्थिरता संचारण थोक से खुदरा कीमतों तक यूनिडायरेक्शनल (दिशाहीन) है, यह आलू के मामले में बाइ-डायरेक्शनल (द्वि-दिशात्मक) है, जो ऊर्ध्वाधर संचारण तंत्र को दर्शाता है।

  • अध्ययन में थोक या खुदरा कीमतों में इन तीन सब्जियों में सकारात्मक या नकारात्मक मूल्य अस्थिरता आघातों (असममित प्रभाव) के महत्वपूर्ण विभेदक प्रभाव का कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/552


1 वर्तमान हित के विषयों पर मजबूत विश्लेषणात्मक और अनुभवजन्य आधार द्वारा समर्थित त्वरित और प्रभावी नीति-उन्मुख अनुसंधान करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग में विकास अनुसंधान समूह (डीआरजी) का गठन किया गया है। डीआरजी अध्ययन भारतीय रिज़र्व बैंक के बाहर के विशेषज्ञों और बैंक के भीतर अनुसंधान प्रतिभा के समूह के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का परिणाम है। ये अध्ययन पेशेवर अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं के बीच रचनात्मक चर्चा उत्पन्न करने की दृष्टि से व्यापक प्रसार के लिए जारी किए गए हैं। डीआरजी अध्ययन केवल भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाते हैं और कोई मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं कराई जाएंगी।

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