बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - मूलभूत सुविधा क्षेत्र के लिए ढॉंचेगत प्रतिबद्धताएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - मूलभूत सुविधा क्षेत्र के लिए ढॉंचेगत प्रतिबद्धताएं
26 सितंबर 2011 बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया कि मूलभूत सुविधा क्षेत्र के संबंध में बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति को और अधिक उदार बनाया जाए। विदेशी प्रत्यक्ष ईक्विटी धारक (चूकता पूँजी का न्यूनतम 25 प्रतिशत की धारिता) और चूकता पूँजी के कम-से-कम 51 प्रतिशत धारिता के विदेशी अप्रत्यक्ष ईक्विटी धारक को केवल मूलभूत सुविधा के विकास में लगी भारतीय कंपनियों और पूँजी बाज़ार लिखतों को जारी करने के माध्यम से मूलभूत सुविधा वित्त कंपनियों (आइएफसी) द्वारा प्राप्त घरेलू उधार के लिए ऋण बढ़ाने की अनुमति दी गई है। ऐसा ऋण वर्धन उपलब्ध कराने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में विस्तृत अनुदेश 26 सितंबर 2011 को जारी ए.पी. (डीआइआर श्रृंखला) परिपत्र सं.28 में दिए गए हैं। जे. डी. देसाई प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/478 |