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गैर-सरकारी गैर-वित्तीय निजी लिमिटेड कंपनियों के वित्त, 2014-15 के आंकड़े जारी

31 मार्च 2016

गैर-सरकारी गैर-वित्तीय निजी लिमिटेड कंपनियों के वित्त, 2014-15 के आंकड़े जारी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) निजी लिमिटेड कंपनियों के वर्ष 2014-15 के वित्त से संबंधित आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों को कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) से प्राप्त 2,37,398 एनजीएनएफ प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखों के आधार पर संकलित किया गया है जो आबादी चुकता पूंजी का 23.3 प्रतिशत हैं। ये आंकड़े उनके एक्सटेंसिबल बिजनस रिपोर्टिंग लैंग्वेज (एक्सबीआरएल) और फार्म एओसी-4 (गैर-एक्सबीआरएल) प्रणालियों पर आधारित हैं। ये आंकड़े वर्ष 2012-13 से 2014-15 की तीन वर्षों की अवधि की तुलनात्मक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। आंकड़ों पर ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ अनुलग्नक में दी गई हैं।

मुख्य निष्कर्ष:

  • 2,37,398 एनजीएनएफ निजी लिमिटेड कंपनियों में पिछले वर्ष की 8.7 प्रतिशत वृद्धि दर के मुकाबले इस अवधि में 12.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। कर्मचारियों को दिए गए पारितोषिक और परिचालन व्यय में क्रमशः 17.6 प्रतिशत और 11.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके परिणास्वरूप परिचालन लाभ में वर्ष 2013-14 के 23.0 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2014-15 में 16.6 प्रतिशत की कम वृद्धि दर देखी गई (विवरण 1)।

  • ब्याज खर्च और मूल्यह्रास प्रावधान में क्रमशः 12.6 प्रतिशत और 28.5 प्रतिशत तक वृद्धि हुई। निवल लाभ (कर के बाद लाभ) वर्ष 2013-14 के 23.6 प्रतिशत की तुलना में चालू वर्ष में 12.3 प्रतिशत की धीमी गति से बढ़ा (विवरण 1)।

  • चालू आस्तियों और गैर-चालू आस्तियों में वृद्धि के परिणामस्वरूप कुल निवल आस्तियों में पिछले वर्ष के 10.6 प्रतिशत की तुलना में चालू वर्ष में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। (विवरण 1)।

  • वर्ष 2012-13 से वर्ष 2014-15 तक की अवधि में परिचालन लाभ और बिक्री के अनुपात के रूप में मापित लाभ मार्जिन में स्थिर वर्धमान प्रवृत्ति देखी गई। इक्विटी पर प्रतिफल, अर्थात् कर पश्‍चात लाभ और निवल मालियत अनुपात के मामले में भी यही प्रवृत्ति देखी गई। (विवरण 2)

  • चयनित एनजीएनएफ निजी लिमिटेड कंपनियों का लीवरेज, जिसका मापन दीर्घकालिक उधारों और निवल मालियत के रूप में किया जाता है, 43.0 प्रतिशत (2012-13) से बढ़कर 49.5 प्रतिशत (2014-15) पर पहुंच गया। कुल उधारों और इक्विटी के अनुपात में भी इसी प्रकार की प्रवृत्ति पाई गई (विवरण 2)।

  • बिक्री की सकल वृद्धि दर में बढ़ोतरी दर्ज के बावजूद ‘खाद्य उत्‍पाद और पेय पदार्थ’, ‘वस्‍त्र’, ‘कागज और कागज उत्‍पाद’, ‘रसायन और रासायनिक उत्‍पाद’ तथा ‘रबड़ और प्‍लास्टिक उत्‍पाद’ उद्योगों के मामले में गिरावट दर्ज हुई (विवरण 7)।

  • समग्र स्‍तर पर, चयनित एनजीएनएफ निजी लिमिटेड कंपनियों के ब्‍याज कवरेज अनुपात (आईसीआर), जिसका मापन ईबीआईटी की तुलना में प्रदत्‍त ब्‍याज के माध्‍यम से किया जाता है, के मामले में पिछले वर्ष दर्ज 3.2 प्रतिशत का स्‍तर चालू वर्ष में भी बरकरार रहा। सेवा क्षेत्र के उद्योगों को छोड़कर अन्‍य उद्योगों के मामले में आईसीआर में 2013-14 के स्‍तर की तुलना में 2014-15 में गिरावट की प्रवृत्ति देखी गई (विवरण 2 और विवरण 8)।

समग्र स्‍तर पर तथा बिक्री-आकार तथा उद्योगवार एनजीएनएफ निजी लिमिटेड कंपनियों के कार्यनिष्‍पादन का विश्‍लेषण करने वाला एक आलेख भारतीय रिज़र्व बैंक बुलेटिन के जून 2016 अंक में प्रकाशित किया जाएगा।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2318

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