31 मार्च 2023 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय निजी लिमिटेड कंपनियों का वित्त, 2020-21 आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 9,659 कंपनियों, जिनके द्वारा 2019-20 से 2021-22 तक तीन लेखा वर्षों के लिए भारतीय लेखा मानक (इंड-एएस) प्रारूप में रिपोर्ट किया गया, के लेखापरीक्षित वार्षिक खातों पर आधारित वर्ष 2021-22 के दौरान गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) निजी लिमिटेड कंपनियों के वित्तीय कार्य-निष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए (https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_45)। इन कंपनियों की चुकता पूंजी (पीयूसी) ₹5,59,510 करोड़ थी, जो मार्च 20221 में एनजीएनएफ़ पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के कुल पीयूसी का 30.1 प्रतिशत थी। उनका आर्थिक क्षेत्र वर्गीकरण कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार के एमजीटी-7 फॉर्म (वेब-लिंक: https://www.mca.gov.in/MinistryV2/companyformsdownload.html) में रिपोर्ट की गई उनकी प्रमुख व्यावसायिक गतिविधि पर आधारित है, जो इन आंकड़ों का प्राथमिक स्रोत है। मुख्य बातें बिक्री
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पिछले वर्ष 3.6 प्रतिशत की न्यूनतर संवृद्धि, जो कि कोविड-19 महामारी के चरम और संबंधित प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुई थी, दर्ज करने के बाद 2021-22 के दौरान निजी लिमिटेड एनजीएनएफ कंपनियों की बिक्री में 31.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई (विवरण 1)।
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2021-22 के दौरान अर्थव्यवस्था में बहाली के कारण खनन और उत्खनन को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्रों (अर्थात, विनिर्माण, बिजली, निर्माण और सेवाएं) में उच्च बिक्री संवृद्धि दर्ज की गई (विवरण 6)।
व्यय
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विनिर्माण और सेवा दोनों क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने से, निजी लिमिटेड एनजीएनएफ कंपनियों के परिचालन व्यय में 2021-22 के दौरान 34.0 प्रतिशत की उच्च वृद्धि दर्ज की गई (विवरण 1 और 6)।
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बिक्री में विस्तार के साथ, कुल व्यय में कच्चे माल पर व्यय का हिस्सा पिछले वर्ष के 51.8 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 55.2 प्रतिशत हो गया (विवरण 1 और 2)।
निवल लाभ
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2021-22 के दौरान प्रतिदर्श कंपनियों के कर- पूर्व लाभ और कर- पश्चात लाभ में क्रमश: 39.4 प्रतिशत और 35.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई (विवरण 1)।
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अधिकांश प्रमुख क्षेत्रों के लिए 2021-22 के दौरान निवल लाभ मार्जिन और इक्विटी पर प्रतिलाभ (अर्थात, निवल मालियत पर कर के बाद लाभ) में उल्लेखनीय सुधार हुआ (विवरण 1, 2 और 7)।
लीवरेज
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समग्र स्तर पर, वर्ष के दौरान प्रतिदर्श कंपनियों का लीवरेज (ऋण-से-इक्विटी अनुपात के संदर्भ में मापा गया) में गिरावट आई (विवरण 2)।
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वर्ष के दौरान लाभ में महत्वपूर्ण वृद्धि के कारण प्रमुख क्षेत्रों के साथ-साथ समग्र स्तर पर ब्याज व्याप्ति अनुपात [आईसीआर, जो कि ब्याज और कर पूर्व आय (ईबीआईटी) तथा ब्याज व्यय का अनुपात है और 1 के न्यूनतम व्यवहार्य मूल्य के साथ एक कंपनी की ऋण चुकौती क्षमता का एक उपाय है] में सुधार हुआ (विवरण 2 और 7)।
निवेश
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प्रतिदर्श कंपनियों की निवल अचल आस्तियों में पिछले वर्ष के 5.4 प्रतिशत की तुलना में 2021-22 में 8.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई; कुल निवल आस्तियों में निवल अचल आस्तियों का हिस्सा, तथापि, 2021-22 में पिछले वर्ष के 35.9 प्रतिशत और दो वर्ष पहले के 37.1 प्रतिशत से घटकर 33.8 प्रतिशत हो गया (विवरण 1 और 2)।
विवरणों के व्याख्यात्मक नोट अनुबंध में दिए गए हैं। अजीत प्रसाद निदेशक (संचार) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1944
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