वित्तीय साक्षरता सप्ताह (5-9 जून 2017) - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय साक्षरता सप्ताह (5-9 जून 2017)
5 जून 2017 वित्तीय साक्षरता सप्ताह (5-9 जून 2017) वित्तीय समृद्धि के लिए वित्तीय साक्षरता पहला कदम है। वित्तीय साक्षरता आम आदमी को उस ज्ञान से सशक्त बनाती है जो उसे बेहतर वित्तीय निर्णय लेने और अंततः वित्तीय रूप से खुशहाल बनाता है। प्रत्येक वर्ष मुख्य विषयों पर बड़े पैमाने पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने निर्णय लिया है कि वित्तीय साक्षरता सप्ताह के रूप में वर्ष में एक सप्ताह मनाया जाए। इस वर्ष भारतीय रिज़र्व बैंक राज्यों में 5 से 9 जून तक वित्तीय साक्षरता सप्ताह मनाएगा। सप्ताह के लिए चिह्नित संदेश हैं - (क) अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), (ख) क्रेडिट अनुशासन का उपयोग करना, (ग) डिजिटल बनना – यूपीआई, (घ) डिजिटल बनना *99#(यूएसएसडी) और (ङ) शिकायत समाधान तंत्र की जागरूकता। सप्ताह के दौरान की जाने वाली गतिविधियों में बैंक शाखाओं में वित्तीय साक्षरता सामग्री प्रदर्शित करना, विभिन्न जिलों में मुख्य रूप से आम जनता के लिए वित्तीय साक्षरता कैंप लगाना, वित्तीय साक्षरता केंद्रों में साक्षरता प्रयासों को बढ़ाना आदि शामिल हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक के अधिकारी इस पहल को सफल बनाने के लिए बैंकरों और जिला स्तरीय प्राधिकारियों के साथ कार्य करेंगे। महाराष्ट्र राज्य के लिए सप्ताह भर की गतिविधियों को आज भारतीय रिज़र्व बैंक के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित एक लघु कार्यक्रम में शुरू किया गया। महाराष्ट्र में प्रमुख उपस्थिति वाले विभिन्न बैंकों के वरिष्ठ कार्यपालकों और अन्य बैंकों के कार्यपालकों ने इस बैठक में भाग लिया। बैंक शाखाओं में प्रदर्शित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा तैयार की गई वित्तीय साक्षरता सामग्री को मुख्य अतिथि श्री जी. पदमनाभन, अध्यक्ष, बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया जिन्होंने आमंत्रित लोगों को संबोधित भी किया और वित्तीय साक्षरता पहलों के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. एस. राजगोपाल, क्षेत्रीय निदेशक, महाराष्ट्र और गोवा, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैठक की अध्यक्षता की। अन्य वरिष्ठ कार्यपालक जिन्होंने सभा को संबोधित किया, उनमें श्री आर.पी. मराठे, एमडी और सीईओ, महाराष्ट्र बैंक, श्री नीरज व्यास, उप प्रबंधक निदेशक, एसबीआई और श्री के.के. तनेजा, महाप्रबंधक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शामिल थे। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/3284 |