भारत सरकार ने दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड को 7 जनवरी 2006 से कारोबार की समाप्ति से अधिस्थगन के अंतर्गत रखा - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत सरकार ने दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड को 7 जनवरी 2006 से कारोबार की समाप्ति से अधिस्थगन के अंतर्गत रखा
7 जनवरी 2006 भारत सरकार ने दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड को भारतीय रिज़र्व बैंक के आवेदन पर केंद्र सरकार ने दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड, जिसका पंजीकृत कार्यालय कुरूंदवाड, कुरूंदवाड-416106, कोल्हापुर (जिला), महाराष्ट्र में स्थित है, के संबंध में आज अधिस्थगन आदेश जारी किया। केंद्र सरकार ने जन हित, जमाकर्ताओं और बैंकिंग प्रणाली के हित में यह अधिस्थगन आदेश जारी किया है। यह अधिस्थगन शनिवार, 7 जनवरी 2006 को कारोबार की समाप्ति से 6 अप्रैल 2006 को सम्मिलित करके उस तारीख तक या यदि दूसरी व्यवस्थाएं की जाती हैं तो उसके पहले की तारीख तक प्रभावी होगा। इस अवधि के दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगा - जैसे दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड का दूसरे किसी बैंक के साथ समामेलन और जन हित और सार्वजनिक जमाराशियों को सुरक्षित रखने की दृष्टि से योजना को अंतिम रूप देगा। अधिस्थगन की अवधि के दौरान बैंक को केवल उन भुगतानों को देने की अनुमति होगी जो अधिस्थगन आदेश में निर्धारित किये गये हैं और दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड के जमाकर्ताओं को बैंक की किसी भी शाखा से अपने बचत बैंक खाता या चालू खाता या अन्य किसी जमा खाते से 5000 रुपये (पांच हजार रुपये मात्र) की उच्चतम सीमा के अधीन बकाया राशि आहरित करने की अनुमति होगी। ग्राहक किसी भी शाखा से निर्धारित सीमा तक आहरण कर सकते हैं। वर्ष 1920 में स्थापित दि गणेश बैंक ऑफ कुरूंदवाड लिमिटेड का मुख्यालय कुरूंदवाड, महाराष्ट्र में है। एक परिवार के सदस्य बैंक के प्रमुख शेयरधारक हैं, जिनके पास कुल शेयरों के 30 प्रतिशत से भी अधिक हिस्सा है। बैंक के पास 32 शाखाओं का नेटवर्क है ओर उसके परिचालन मुख्यत: महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर जिलों में और कर्नाटक के बेलगांव जिले में संकेंद्रित हैं। दिनांक 31 मार्च 2005 तक प्रधान कार्यालय और 17 शाखाएं कम्प्यूटरीकृत की गयीं परन्तु उनमें अंतर-संबद्धता (इंटर-कनेक्टिविटी) नहीं है। दिनांक 31 मार्च 2005 तक बैंक की जमाराशियां 217.43 करोड़ रुपये और अग्रिम 105.73 करोड़ रुपये थे। उसकी कुल अनर्जक परिसंपत्तियां 18.04 प्रतिशत थी, जबकि निवल अनर्जक परिसंपत्तियां 8.32 प्रतिशत थी। बैंक की निवल संपत्ति ऋणात्मक (-) 3.05 करोड़ रुपये हो गयी थी, जिससे 31 मार्च 2005 को जोखिम भारित परिसंपत्ति की तुलना में पूंजी का अनुपात (सीआरएआर) ऋणात्मक (-) 5.83 प्रतिशत हो गया। इससे जमाकर्ताओं के पैसों में क्षति (इरोजन) हुई। नयी पूंजी जुटाने के लिए बैंक किसी विश्वसनीय योजना के साथ फिर से सामने नहीं आ सका। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/849 |