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कुल जमाराशियों में हाउसहोल्ड क्षेत्र की हिस्सेदारी में पुनः वृद्धि देखी गई। मार्च 2016 को अनुसूचित वाणिज्य बैंकों में जमाराशियों के घटकों और स्वामित्व प्रवृत्ति के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा डेटा का प्रकाशन

26 दिसंबर 2016

कुल जमाराशियों में हाउसहोल्ड क्षेत्र की हिस्सेदारी में पुनः वृद्धि देखी गई।
मार्च 2016 को अनुसूचित वाणिज्य बैंकों में जमाराशियों के घटकों
और स्वामित्व प्रवृत्ति के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा डेटा का प्रकाशन।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आज 31 मार्च 2016 के लिए अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एससीबी) में जमाराशियों के घटकों और संस्थागत स्वामित्व प्रवृत्ति के संबंध में डेटा का प्रकाशन किया गया।

मुख्य बातें :

  1. जंमाराशियों का सर्वाधिक बड़ा भाग, कुल जमाराशियों का 61.5 प्रतिशत, हाउसहोल्ड क्षेत्र के स्वामित्व में था। इसके बाद सरकारी क्षेत्र और निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी इसमें क्रमशः 12.8 प्रतिशत और 10.8 प्रतिशत रही।

  2. जमाराशियों का बड़ा भाग (63.8 प्रतिशत) सावधि जमा के रूप में था। चालू जमा और बचत जमा की सांझी हिस्सेदारी 2015 के 34.9 प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 36.2 प्रतिशत हो गई।

  3. कुल जमाराशियों के आधे से अधिक हिस्से (51.5 प्रतिशत) को महानगरीय शाखाओं द्वारा प्राप्त किया गया, जिसके बाद शहरी शाखाओं (22.8 प्रतिशत) और अर्ध- शहरी शाखाओं (15.4 प्रतिशत) द्वारा प्राप्त किया गया। भले ही इन शाखाओं की कुल जमाराशियों में सावधि जमा का हिस्सा सर्वाधिक रहा हो लेकिन ग्रामीण शाखाओं में बचत जमाराशियों की हिस्सेदारी सर्वाधिक थी।

  4. कुल जमा राशियों में सरकारी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी पूर्व की ही भांति सर्वाधिक (70.6 प्रतिशत) बनी रही जिसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी (21.6 प्रतिशत) थी।

  5. 31 मार्च 2016 को भारत में एससीबी की कुल जमाराशियों में सात राज्यों/ संघ शासित प्रदेशों महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, प.बंगाल और गुजरात की संयुक्त हिस्सेदारी लगभग 66 प्रतिशत रही। इसमें अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी लगभग 23 प्रतिशत थी।

रिज़र्व बैंक बुलेटिन के आगामी फरवरी 2017 के अंक में 31 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार जमा लेखों के प्रकार, संस्थागत क्षेत्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों की प्रवृत्तियों का प्रमुखता से विश्लेषण करते हुए एक विस्तृत आलेख प्रकशित किया जाएगा।

अल्पना किल्लावाला
प्रधान परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/1658

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