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वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के दौरान व्‍यय में वृद्धि के बावजूद लाभ वृद्धि में सुधार दर्शानेवाला निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का विशेष कार्यनिष्पादन:रिज़र्व बैंक ने आंकड़े जारी किए

23 मार्च 2017

वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के दौरान व्‍यय में वृद्धि के बावजूद लाभ वृद्धि में सुधार दर्शानेवाला निजी
कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का विशेष कार्यनिष्पादन:रिज़र्व बैंक ने आंकड़े जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों पर आंकड़े संकलित और जारी करता है। इस प्रकाशनी में वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के 2784 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनएफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से संबंधित आंकड़े जारी किए गए हैं। तुलना करने के लिए सारणियों में वर्ष 2015-16 की तीसरी तिमाही और 2016-17 की दूसरी तिमाही के समान आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। ये आंकडे https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_42 से प्राप्‍त किए जा सकते हैं।

मुख्‍य-मुख्‍य बातें

बिक्री

  • कुल बिक्री वृद्धि में वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र में और लोहा और इस्पात, पेट्रोलियम उत्पादों और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (आईटी) जैसे उद्योगों में सुधार हुआ।

  • सेवा क्षेत्र घटकों (आईटी के अलावा) की बिक्री में हालांकि लगातार तीन तिमाहियों के लिए संकुचन जारी रहा ।

व्‍यय

  • समग्र स्तर पर और विनिर्माण क्षेत्र में, पिछली तिमाही के मुकाबले कच्‍ची सामग्री संबंधी व्‍यय की राशि में तेजी से वृद्धि हुई, जबकि सभी क्षेत्रों में कर्मचारियों की लागत कम हो गई।

  • समग्र स्तर पर कच्चे माल की लागत और बिक्री अनुपात और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि हुई, जबकि सभी क्षेत्रों में कर्मचारियों की लागत और बिक्री अनुपात में गिरावट आई है।

परिचालनगत लाभ

  • कच्ची सामग्रियों पर बढ़े हुए खर्च के बावजूद, बिक्री वृद्धि में सुधार के कारण समग्र स्तर पर और विनिर्माण क्षेत्र में परिचालनगत लाभ वृद्धि में सुधार हुआ।

  • व्यय की तुलना में बिक्री में तेज संकुचन के साथ सेवा (आईटी के अलावा) क्षेत्र ने परिचालनगत लाभ में एक महत्वपूर्ण संकुचन दर्ज किया।

ब्‍याज

  • समग्र स्तर पर और विनिर्माण और सेवा (आईटी के अलावा) सेक्टर के लिए पिछली तिमाही के मुकाबले वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में ब्याज व्यय में तेजी से वृद्धि हुई ।

  • विनिर्माण क्षेत्र के अंतर्गत, वस्त्र, मोटर वाहनों और लोहा और इस्पात उद्योगों ने ब्याज व्यय में उच्चतर वृद्धि का अनुभव किया।

  • सेवा (आईटी के अलावा) क्षेत्र में दूरसंचार उद्योग के कारण ब्याज व्यय उच्चतर रहे।

  • वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में समग्र स्तर पर और साथ ही निर्माण और सेवा (आईटी के अलावा) क्षेत्रों के लिए पिछली तिमाही के मुकाबले में ब्याज कवरेज अनुपात में काफी गिरावट आई।

  • वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही में दूरसंचार उद्योग के लिए ब्याज कवरेज अनुपात एक से नीचे चला गया।

निवल लाभ

  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए निवल लाभ वृद्धि में काफी सुधार हुआ, जिससे सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र में संकुचन के बावजूद समग्र स्तर पर शुद्ध लाभ वृद्धि में काफी सुधार हुआ।

मूल्‍यनिर्धारण क्षमता

  • विनिर्माण और सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्रों और समग्र स्तर के लिए परिचालनगत लाभ मार्जिन में थोड़ी गिरावट आई जबकि आईटी क्षेत्र में उसमें सुधार हुआ।

  • समग्र स्तर पर और साथ ही सभी क्षेत्रों में शुद्ध लाभ मार्जिन में गिरावट हुई।

सारणियों की सूची
सारणी सं. शीर्षक
1 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दरें
चयनित अनुपात
2 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन - क्षेत्र-वार वृद्धि दरें
चयनित अनुपात
3 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का चुकता पूंजी के आकार के अनुसार कार्यनिष्पादन वृद्धि दरें
चयनित अनुपात
4 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का बिक्री आकार के अनुसार कार्यनिष्पादन वृद्धि दरें
चयनित अनुपात
5 गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन – उद्योग-वार वृद्धि दरें
चयनित अनुपात
व्याख्यात्मक टिप्पणियां
शब्दावली

नोट:

  • परिणामों की घोषणा की तारीख के आधार पर इन वर्षों में कंपनियों का कवरेज कुछ हद तक भिन्न-भिन्न रहा है; तथापि इससे समग्र स्थिति में उल्लेखनीय परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

  • जैसा कि कारपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) द्वारा वर्ष 2016-17 की प्रथम तिमाही से अनिवार्य है, प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियां, सामान्यतया स्वीकृत लेखांकन सि‍द्धांत (जीएएपी) से भारतीय लेखा मानकों में स्थानांतरित हुई हैं, । संक्रमण का प्रभाव, विकास दरों के मामले में समग्र स्तर पर मौन दिखाई देता है, हालांकि यह अनुपात के लिए यह अन्‍य हो सकता है।

  • आंकड़ों के संकलन के लिए अपनाई गई संक्षिप्त पद्धति को शामिल करने वाली ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ और शब्दावली (संशोधित परिभाषाओं और परिकलनों सहित, जो पूर्ववर्ती प्रकाशनियों से भिन्‍न हैं) अंत में दी गई हैं।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2544

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