जून 2015 के अंत में भारत का विदेशी ऋण
30 सितंबर 2015 जून 2015 के अंत में भारत का विदेशी ऋण मानक प्रथा के अनुसार मार्च और जून को समाप्त होने वली तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण से संबंधित आंकड़े भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक तिमाही के अंतराल पर जारी किए जाते हैं और सितंबर तथा दिसंबर तिमाहियों के आंकड़े वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं। जून 2015 को समाप्त हुई तिमाही के लिए रुपया तथा अमरीकी डॉलर में बाह्य ऋण के आंकड़े और इससे पहले के तिमाहियों के संशोधित आंकड़े क्रमश: विवरण 1 और 2 में दिए गए हैं। जून 2015 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य-मुख्य बातें जून 2015 के अंत में भारत के बाह्य ऋण में मुख्य रूप से अनिवासी भारतीयों की बकाया जमाराशियों और वाणिज्यिक उधारों में वृद्धि के कारण मार्च 2015 में अपने स्तर से 1.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके अलावा बाह्य ऋण की मात्रा में वृद्धि आंशिक रूप से मूल्य निर्धारण प्रतिलाभों के कारण कम हो गई जिसका कारण भारतीय रुपया और अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमरीकी डॉलर का अधिमूल्यन था। जून 2015 के अंत में बाह्य ऋण/जीडीपी अनुपात 24.0 प्रतिशत रहा जिसमें मार्च 2015 के अंत में 23.7 प्रतिशत के स्तर से वृद्धि दर्ज हुई। जून 2015 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख अंश नीचे दिए गए हैं:
संगीता दास प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/792 |
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: