29 सितंबर 2017 जून 2017 की समाप्ति पर भारत का बाह्य ऋण मानक प्रथा के अनुसार, मार्च और जून की समाप्त तिमाहियों के लिए भारत के बाह्य ऋण की सांख्यिकी भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक तिमाही के अंतराल पर जारी की जाती है और सितंबर और दिसंबर की समाप्त तिमाहियों की सांख्यिकी वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की जाती है। जून 2017 के अंत में भारतीय रुपया और अमेरिकी डॉलर में बाह्य ऋण के आंकड़े और इससे पहले की तिमाहियों के संशोधित आंकड़े क्रमशः विवरण 1 और 2 में दिए गए हैं। जून 2017 की समाप्ति पर भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख गतिविधियां नीचे प्रस्तुत हैं। मुख्य-मुख्य बातें जून 2017 की समाप्ति पर भारत के बाह्य ऋण में मार्च 2017 के अंत में इसके स्तर से 3.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई, जिसका मुख्य कारण वाणिज्यिक उधार के तहत शामिल घरेलू पूंजी बाजार के ऋण खंड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश के प्रवाह में वृद्धि रही। बाह्य ऋण की मात्रा में वृद्धि आंशिक रूप से भारतीय रुपया और अन्य मुख्य करेंसी की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मूल्यह्रास के परिणामस्वरूप होने वाली मूल्यांकन हानि के कारण हुई। जून 2017 के अंत में बाह्य ऋण जीडीपी के अनुपात में 20.3 प्रतिशत था जो मार्च 2017 के अंत में अपने 20.2 प्रतिशत के स्तर से थोड़ा अधिक है। जून 2017 के अंत में भारत के बाह्य ऋण से संबंधित प्रमुख बातें नीचे प्रस्तुत हैं: • जून 2017 के अंत में भारत का बाह्य ऋण 485.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जिसमें मार्च 2017 के अंत में इसके स्तर से 13.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई (सारणी 1)। • भारतीय रुपया की तुलना में अमेरिकी डॉलर के मूल्यह्रास के कारण मूल्याकंन हानि 1.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर रखी गई। मूल्यांकन प्रभावों को छोड़कर बाह्य ऋण में वृद्धि मार्च 2017 के अंत में इसके स्तर की तुलना में जून 2017 के अंत में 13.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बजाय 12.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर होती। • वाणिज्यिक उधार बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक रहा जिसकी हिस्सेदारी 37.8 प्रतिशत रही जिसके बाद एनआरआई जमाराशियां (24.3 प्रतिशत) और लघुकालिक व्यापार क्रेडिट (17.9 प्रतिशत) रहे। • जून 2017 के अंत में दीर्घावधि ऋण 397.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जिसमें मार्च 2017 के अंत में इसके स्तर से 13.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बढोतरी दर्ज की गई। • जून 2017 के अंत में कुल बाह्य ऋण में दीर्घावधि ऋण की हिस्सेदारी 81.7 प्रतिशत रही जो मार्च 2017 के अंत में 81.4 प्रतिशत से थोड़ी ज्यादा है। • कुल बाह्य ऋण में लघुकालिक ऋण (मूल परिपक्वता) की हिस्सेदारी मार्च 2017 के अंत में 18.6 प्रतिशत से घटकर जून 2017 के अंत में 18.6 प्रतिशत हो गई। विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना में लघुकालिक ऋण (मूल परिपक्वता) का अनुपात जून 2017 के अंत में घटकर 23.0 प्रतिशत हो गया (मार्च 2017 के अंत में 23.8 प्रतिशत)। • अवशिष्ट परिपक्वता आधार पर लघुकालिक ऋण जून 2017 के अंत में कुल बाह्य ऋण का 41.1 प्रतिशत था (मार्च 2017 के अंत में 41.5 प्रतिशत) और यह कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 51.6 प्रतिशत था (मार्च 2017 के अंत में 52.9 प्रतिशत) (सारणी 2)। • अमेरिकी डॉलर मूल्यवर्गांकित ऋण जून 2017 के अंत में 50.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ भारत के बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक रहा, जिसके बाद भारतीय रुपया (35.4 प्रतिशत), एसडीआर (5.8 प्रतिशत), जापानी येन (4.5 प्रतिशत) और यूरो (3.0 प्रतिशत) रहे। • बकाया बाह्य ऋण का उधारकर्ता वर्गीकरण दर्शाता है कि सरकारी और गैर-सरकारी ऋण में जून 2017 के अंत में बढ़ोतरी हुई (सारणी 3)। • ऋण सेवा भुगतान मार्च 2017 के अंत में 8.3 प्रतिशत की तुलना में जून 2017 के अंत में घटकर चालू प्राप्तियों का 6.3 प्रतिशत हो गया (सारणी 4)।– जो बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) की कम अदायगी को दर्शाता है। जोस जे. कट्टूर मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/890 सारणी 1: बाह्य ऋण – बकाया और घट-बढ | (बिलियन अमेरिकी डॉलर) | घटक | के अंत में बकाया | पूर्ण घट-बढ | प्रतिशत घट-बढ़ | जून 2016 सं. | मार्च 2017 आंसं. | जून 2017 सं. | जून-17 से जून-16 | जून-17 से मार्च-17 | जून-17 से जून-16 | जून-17 से मार्च-17 | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 1. बहुपक्षीय | 54.4 | 54.5 | 55.5 | 1.1 | 1.0 | 2.1 | 1.8 | 2. द्विपक्षीय | 23.9 | 23.2 | 23.1 | -0.8 | -0.1 | -3.5 | -0.5 | 3. आईएमएफ | 5.6 | 5.4 | 5.5 | 0.0 | 0.1 | -0.5 | 2.3 | 4. ट्रेड क्रेडिट | 10.5 | 9.8 | 9.8 | -0.8 | 0.0 | -7.3 | 0.0 | 5. वाणिज्यिक उधार | 175.7 | 172.9 | 183.6 | 7.9 | 10.7 | 4.5 | 6.2 | 6. एनआरआई जमाराशियां | 126.3 | 116.9 | 118.2 | -8.0 | 1.4 | -6.4 | 1.2 | 7. रुपया ऋण | 1.1 | 1.2 | 1.2 | 0.1 | 0.0 | 10.8 | -1.2 | 8. लघु अवधि ऋण | 82.1 | 88.0 | 88.8 | 6.7 | 0.9 | 8.2 | 1.0 | जिसमें से | | | | | | | | लघुकालिक ट्रेड क्रेडिट | 79.7 | 86.5 | 87.1 | 7.4 | 0.6 | 9.2 | 0.7 | कुल बाह्य ऋण | 479.6 | 471.9 | 485.8 | 6.2 | 14.0 | 1.3 | 3.0 | मेमो मदें | | | | | | | | क. दीर्घावधि ऋण | 397.5 | 383.9 | 397.0 | -0.5 | 13.1 | -0.1 | 3.4 | ख. लघुकालिक ऋण | 82.1 | 88.0 | 88.8 | 6.7 | 0.9 | 8.2 | 1.0 | अ: अनंतिम. आंसं: आंशिक संशोधित: सं:संशोधित | सारणी 2: जून 2017 के अंत में बाह्य ऋण बकाया की अवशिष्ट परिपक्वता | (बिलियन अमेरिकी डॉलर) | घटक | एक वर्ष तक की लघु अवधि | दीर्घावधि | कुल (2 से 5) | 1 से 2 वर्ष | 2 से 3 वर्ष | 3 वर्ष से अधिक | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 1. सॉवरेन ऋण (दीर्घावधि) $ | 4.8 | 7.3 | 7.8 | 83.8 | 103.6 | 2. वाणिज्यिक उधार # | 25.0 | 22.7 | 24.2 | 103.1 | 175.1 | 3. एनआरआई जमाराशियां {(i)+(ii)+(iii)} | 80.9 | 16.8 | 9.9 | 10.7 | 118.2 | (i) एफसीएनआर(बी) | 11.4 | 5.9 | 2.2 | 1.4 | 20.9 | (ii) एनआर(ई)आरए | 58.8 | 10.1 | 6.9 | 8.9 | 84.6 | (iii) एनआरओ | 10.6 | 0.9 | 0.8 | 0.4 | 12.7 | 4. लघुकालिक ऋण* (मूल परिपक्वता) | 88.8 | | | | 88.8 | कुल (1 to 4) | 199.5 | 46.9 | 41.9 | 197.6 | 485.8 | मेमो मदें | | | | | | कुल बाह्य ऋण के प्रतिशत के रूप में लघुकालिक ऋण (अवशिष्ट परिपक्वता) | 41.1 | आरक्षित निधियों के प्रतिशत के रूप में लघुकालिक ऋण (अवशिष्ट परिपक्वता) | 51.6 | $: सरकारी प्रतिभूतियों में एफपीआई निवेश सहित। | #: वाणिज्यिक उधार में ट्रेड क्रेडिट, कॉर्पोरेट ऋण लिखतों में एफपीआई निवेश और गैर-सरकारी बहुपक्षीय और द्विपक्षीय उधारों का एक हिस्सा शामिल है और इसलिए मूल परिपक्वता के अंतर्गत अन्य सारणियों में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से शायद मेल न खाए।. | *: इसमें मौजूदा कॉर्पोरेट ऋण सीमाओं के अंतर्गत आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) द्वारा जारी प्रतिभूति प्राप्तियों में एफपीआई निवेश शामिल है। | सारणी 3: सरकारी और गैर-सरकारी बाह्य ऋण | (बिलियन अमेरिकी डॉलर) | घटक | मार्च अंत | जून अंत | 2015 | 2016 | 2017 आंसं | 2017 सं | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | क. सॉवरेन ऋण (I+II) | 89.7 | 93.4 | 95.8 | 103.7 | (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) | 4.5 | 4.5 | 4.1 | 4.3 | I बाह्य सहायता के अंतर्गत सरकारी लेखा पर बाह्य ऋण | 58.5 | 61.1 | 62.8 | 64.0 | II. अन्य सरकारी बाह्य ऋण @ | 31.3 | 32.4 | 33.0 | 39.7 | ख. गैर-सरकारी ऋण # | 385.0 | 391.6 | 376.1 | 382.1 | (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) | 19.4 | 19.0 | 16.1 | 15.9 | ग. कुल बाह्य ऋण (क+ख) | 474.7 | 485.0 | 471.9 | 485.8 | (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) | 23.9 | 23.5 | 20.2 | 20.3 | अ: अनंतिम. आंसं: आंशिक संशोधित @: अन्य सरकारी बाह्य ऋण में रक्षा ऋण, एफपीआई द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश, विदेशी केंद्रीय बैंक, अंतरराष्ट्रीय संस्थान और आईएमएफ शामिल है। #: मौद्रिक प्राधिकरण का बाह्य ऋण शामिल है। | सारणी 4: भारत के मुख्य बाह्य ऋण संकेतक | मार्च अंत | बाह्य ऋण (बिलियन अमेरिकी डॉलर) | जीडीपी की तुलना में बाह्य ऋण का प्रतिशत | ऋण सेवा अनुपात (प्रतिशत) | कुल ऋण में विदेशी मुद्रा भंडारों का अनुपात (प्रतिशत) | कुल ऋण में रियायतप्राप्त ऋण का अनुपात (प्रतिशत) | विदेशी मुद्रा भंडारों की तुलना में लघुकालिक ऋण (प्रतिशत) | कुल ऋण की तुलना में लघुकालिक ऋण का अनुपात (प्रतिशत) | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 1991 | 83.8 | 28.7 | 35.3 | 7.0 | 45.9 | 146.5 | 10.2 | 1996 | 93.7 | 27.0 | 26.2 | 23.1 | 44.7 | 23.2 | 5.4 | 2001 | 101.3 | 22.5 | 16.6 | 41.7 | 35.4 | 8.6 | 3.6 | 2006 | 139.1 | 16.8 | 10.1# | 109 | 28.4 | 12.9 | 14.0 | 2007 | 172.4 | 17.5 | 4.7 | 115.6 | 23.00 | 14.1 | 16.3 | 2008 | 224.4 | 18.0 | 4.8 | 138 | 19.7 | 14.8 | 20.4 | 2009 | 224.5 | 20.3 | 4.4 | 112.2 | 18.7 | 17.2 | 19.3 | 2010 | 260.9 | 18.2 | 5.8 | 106.9 | 16.8 | 18.8 | 20.1 | 2011 | 317.9 | 18.2 | 4.4 | 95.9 | 14.9 | 21.3 | 20.4 | 2012 | 360.8 | 21.1 | 6.0 | 81.6 | 13.3 | 26.6 | 21.7 | 2013 | 409.4 | 22.4 | 5.9 | 71.3 | 11.1 | 33.1 | 23.6 | 2014 | 446.2 | 23.9 | 5.9 | 68.2 | 10.4 | 30.1 | 20.5 | 2015 | 474.7 | 23.9 | 7.6 | 72.0 | 8.8 | 25.0 | 18.0 | 2016 | 485.0 | 23.5 | 8.8 | 74.3 | 9.0 | 23.1 | 17.2 | 2017 PR | 471.9 | 20.2 | 8.3 | 78.4 | 9.3 | 23.8 | 18.6 | End-June 2017 P | 485.8 | 20.3 | 6.3 | 79.6 | 9.2 | 23.0 | 18.3 | अ: अनंतिम. आंसं: आंशिक संशोधित # 6.3 प्रतिशत निकलता है जिसमें 7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की इंडिया मिलेनियम जमाराशियों की अदायगी और 23.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बाह्य ऋण की चुकौती शामिल नहीं है।. | |