RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

80008597

भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी): मार्च 2016

30 जून 2016

भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति (आईआईपी): मार्च 20161

अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, एक सांख्यिकीय विवरण है जो एक कालावधि के अंत तक, किसी अर्थव्यवस्था के (क) निवासियों की वित्तीय आस्तियों का, जो अनिवासियों पर दावे होते हैं, तथा आरक्षित आस्तियों के रूप में धारित स्वर्ण बुलियन का और (ख) निवासियों की अनिवासियों के प्रति वित्तीय देयताओं के मूल्य और संरचना बताती है। एक अर्थव्यवस्था की बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं के बीच का अंतर उस अर्थव्यवस्था की शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति होती है, जो सकारात्मक या नकारात्मक हो सकता है । इस प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय लेखों का तुलन पत्र विश्लेषण, अर्थव्यवस्था के बाह्य क्षेत्र के टिकने की क्षमताओं और दुर्बलताओं को समझने में मदद करता है।

मार्च 2016 को समाप्त तिमाही की भारत की अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति के मुख्य अंश नीचे प्रस्तुत हैं:

I. समग्र अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति वार्

(क) तिमाही घट-बढ़:

  • अनिवासियों के भारत पर शुद्ध दावे (जो शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति दर्शाती है) पिछली तिमाही से 0.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की कमी के साथ मार्च 2016 अंत के तक 361.50 बिलियन अमरीकी डॉलर हुए (तालिका 1)। शुद्ध स्थिति में यह परिवर्तन, भारत में विदेशी-स्वाधिकृत आस्तियों के मूल्य में 16.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की बढ़ोतरी की तुलना में, भारतीय निवासियों की विदेश में वित्तीय आस्तियों के मूल्य में 17.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की बढ़ोतरी को प्रतिबिंबित करता है।

  • भारतीय निवासियों की विदेश में वित्तीय आस्तियाँ, मार्च 2016 के अंत तक, पिछली तिमाही से 17.5 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हो कर 550.3 बिलियन अमरीकी डॉलर रहीं, इसका कारण मुख्य रूप से रिजर्व आस्तियों में 9.8बिलियन डॉलर और मुद्रा और जमा में 3.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि तिमाही के दौरान व्यापार ऋण आतियों में 1.6 बिलियन अमरीकी डॉलर की कमी आई।

  • भारत में विदेशी-स्वाधिकृत आस्तियां पिछली तिमाही से 16.9 बिलियन अमरीकी डॉलर की बढ़ोतरी हो कर 911.8 बिलियन अमरीकी डॉलर हुईं। ऐसा मुख्यत: तिमाही के दौरान भारत में प्रत्यक्ष और अन्य निवेश में 11.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 6.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रमश: वृद्धि के कारण हुआ जबकि अन्य संविभाग निवेश तथा मुद्रा और जमा में 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई।

  • विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के प्रभाव: रुपये के विनिमय दर में अन्य मुद्राओं की तुलना में परिवर्तन ने देयताओं को अमरीकी डॉलर में मूल्यांकन करने पर, उन में बदलाव को प्रभावित किया। तिमाही के दौरान, निवल इक्विटी अंतर्वाह 10.8 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा, बकाया इक्विटी देयताएँ दिसंबर 2015 के 411.1 बिलियन अमरीकी डॉलर से 11.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर मार्च 2016 में 422.1 बिलियन अमरीकी डॉलर हुईं क्योंकि इस तिमाही में विनियम दर में मामूली से परिवर्तन हुआ।

  • भारत की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देयताओं का अनुपात मार्च 2016 में 60.4 प्रतिशत हुआ। (जोकि दिसंबर 2015 में 59.5 प्रतिशत था)।

(ख) वार्षिक घट-बढ़

  • वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान विदेश की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों में 27.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई (तालिका 1) इनमें विदेशों में प्रत्यक्ष निवेश में 8.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की और आरक्षित आस्तियों में 18.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई,जबकि व्यापार ऋण में 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की गिरावट हुई।

  • वर्ष दर वर्ष आधार पर अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय देनदारियों में 24.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई।इनमें से भारत में प्रत्यक्ष निवेश 28.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ा जबकि भारत में पोर्टफोलियो निवेश में 8.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी हुई। वर्ष के दौरान अन्य निवेश, मुद्रा और जमाराशियों में 11.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि हुई।

  • बाहरी आस्तियों और देनदारियों में उक्त परिवर्तनों के कारण, वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान भारत पर गैर निवासियों के शुद्ध दावों में 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी हुई।

II. सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) के अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों और देनदारियों का अनुपात

  • मार्च 2016 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद में कुल अंतरराष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों के अनुपात ( वर्तमान मूल्यों पर) एक साल पहले के 26.2 प्रतिशत से बढ़ कर 26.9 प्रतिशत हुआ (तालिका 2) । जीडीपी अनुपात में आरक्षित आस्तियों में मार्च 2015 के अंत से 17.1 प्रतिशत से बढ़कर मार्च अंत 2016 में 17.6 प्रतिशत हुआ।

  • सकल घरेलू उत्पाद में कुल अंतरराष्ट्रीय वित्तीय देनदारियों का अनुपात एक साल पहले के 44.5 प्रतिशत से बढ़कर मार्च अंत 2016 में 44.6 प्रतिशत बढ़ा। मार्च अंत 2016 अंतरराष्ट्रीय वित्तीय देयताओं में, सकल घरेलू उत्पाद के प्रत्यक्ष निवेश और पोर्टफोलियो निवेश का अनुपात क्रमश:14.3 प्रतिशत और 11.0 प्रतिशत रहा।

  • मार्च 2016 के अंत में सकल घरेलू उत्पाद में शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश का अनुपात (-) 17.7 प्रतिशत था।

III. बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं की रचना

  • भारत की अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आस्तियों में मार्च 2016 में, आरक्षित आस्तियों का प्रमुख भाग (65.5 प्रतिशत) बना रहा, जिस के बाद विदेश में प्रत्यक्ष निवेश का हिस्सा (25.7 प्रतिशत) रहा (तालिका 3)।

  • प्रत्यक्ष निवेश (32.2 प्रतिशत), संविभाग निवेश (24.7 प्रतिशत), ऋण (18.8 प्रतिशत), और मुद्रा और जमा राशियाँ (13.9 प्रतिशत) देश की वित्तीय देयताओं के प्रमुख घटक थे।

IV. ऋण देयताओं की तुलना में ऋणेतर देयताएँ

  • कुल बाह्य देयताओं में ऋणेतर देयताओं की हिस्सेदारी में दिसंबर 2016 के 45.9 प्रतिशत से थोड़ी बढ़कर मार्च 2016 के अंत में 46.3 प्रतिशत हो गई (तालिका 4)।

तालिका 1: समग्र अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति
(बिलियन अमरीकी डॉलर)
अवधि मार्च-15(PR) जून-15(PR) सितंबर-15(PR) दिसं-15(PR) मार्च-16(P)
शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति -364.6 -362.0 -357.4 -362.1 -361.5
क. आस्तियाँ 522.4 534.8 529.5 532.8 550.3
1. प्रत्यक्ष निवेश 132.7 134.2 135.8 139.0 141.6
2. संविभाग निवेश 1.4 1.6 1.7 1.7 2.5
  2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ 1.1 1.5 1.6 1.6 2.4
  2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ 0.3 0.1 0.1 0.1 0.1
3. अन्य निवेश 46.6 43.0 41.7 41.7 46.0
  3.1 व्यापार ऋण 5.5 5.1 4.7 4.5 2.9
  3.2 ऋण 5.7 4.4 4.3 3.7 6.7
  3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ 19.4 17.1 16.7 17.3 20.9
  3.4 अन्य आस्तियाँ 16.0 16.4 16.1 16.1 15.5
4. आरक्षित आस्तियाँ 341.6 356.0 350.3 350.4 360.2
B. देयताएं 887.0 896.8 887.0 894.9 911.8
1. प्रत्यक्ष निवेश 265.4 270.9 270.8 282.1 293.4
2. संविभाग निवेश 233.6 236.5 225.7 225.5 225.0
  2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ 153.6 151.3 143.6 141.7 141.8
  2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ 80.0 85.2 82.1 83.8 83.2
3. अन्य निवेश 388.1 389.4 390.4 387.2 393.3
  3.1 व्यापार ऋण 83.7 81.3 81.3 79.5 82.3
  3.2 ऋण 176.9 174.7 172.4 171.5 171.3
  3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ 115.3 120.1 122.0 122.8 127.1
  3.4 अन्य देयताएं 12.2 13.3 14.7 13.4 12.7
मेमो’ मद: आस्तियों का देयताओं से अनुपात (%) 58.9 59.6 59.7 59.5 60.4
सं:संशोधित     आं सं: आंशिक संशोधित   अ: अनंतिम
संख्याओं के पूर्णांकित किए जाने के कारण घटको का जोड़ कुल संख्या से थोड़ा भिन्न हो सकता है।

तालिका 2: जीडीपी की बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं का अनुपात
(प्रतिशत)
अवधि मार्च14 (R) मार्च-15 (PR) मार्च-16(P)
शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति (आस्ति-देयताएं) -18.2 -18.3 -17.7
ए. आस्तियां 25.8 26.2 26.9
  1. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 6.9 6.7 6.9
  2. संविभाग निवेश 0.1 0.1 0.1
    2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ 0.1 0.1 0.1
    2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ 0.0 0.0 0.0
  3. अन्य निवेश 2.6 2.3 2.2
    3.1 व्यापार ऋण 0.5 0.3 0.1
    3.2 ऋण 0.4 0.3 0.3
    3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ 1.0 1.0 1.0
    3.4 अन्य आस्तियाँ 0.9 0.8 0.8
  4. आरक्षित आस्तियाँ 16.2 17.1 17.6
बी. देयताएं 44.0 44.5 44.6
  1. भारत में प्रत्यक्ष निवेश 12.9 13.3 14.3
  2. संविभाग निवेश 10.7 11.7 11.0
    2.1 इक्विटी प्रतिभूतियाँ 7.6 7.7 6.9
    2.2 ऋण प्रतिभूतियाँ 3.1 4.0 4.1
  3. अन्य निवेश 20.3 19.5 19.2
    3.1 व्यापार ऋण 4.5 4.2 4.0
    3.2 ऋण 9.6 8.9 8.4
    3.3 मुद्रा और जमा राशियाँ 5.5 5.8 6.2
    3.4 अन्य देयताएं 0.7 0.6 0.6

तालिका 3. भारत की बाह्य ऋण और ऋणेतर देयताओं का भाग
(प्रतिशत)
अवधि मार्च-14(R) जून-14(PR) सितंबर-14(PR) दिसं-14(PR) मार्च-15(P)
ए. आस्तियां          
  1. प्रत्यक्ष निवेश 25.4 25.1 25.6 26.1 25.7
  2. संविभाग निवेश 0.3 0.3 0.3 0.3 0.4
  3. अन्य निवेश 8.9 8.0 8.0 7.8 8.4
  4. आरक्षित आस्तियां 65.4 66.6 66.1 65.8 65.5
  आस्तियां/देयताएं 100.0 100.0 100.0 100.0 100.0
बी. देयताएं
  1. प्रत्यक्ष निवेश 29.9 30.2 30.5 31.5 32.2
  2. संविभाग निवेश 26.3 26.4 25.4 25.2 24.7
  3. अन्य निवेश 43.8 43.4 44.1 43.3 43.1

तालिका 4. भारत की बाह्य ऋण और ऋणेतर देयताओं का भाग
(प्रतिशत)
अवधि मार्च-14(R) जून-14(PR) सितं-14(PR) दिसं-14(PR) मार्च-15(P)
ऋणेतर देयताएं 46.0 45.7 45.3 45.9 46.3
ऋण देयताएं 54.0 54.3 54.7 54.1 53.7
कुल 100.0 100.0 100.0 100.0 100.0

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/3048


1 भारत का तिमाही आईआईपी एक तिमाही अंतराल के बाद प्रचारित किया जा रहा है और दिसंबर अंत 2015 का पहला तिमाही आईआईपी 31 मार्च 2016 को सार्वजनिक डॉमेन में रखा गया था।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?