भारत के अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति (आईआईपी), सितंबर 2015
31 दिसंबर 2015 भारत के अंतरराष्ट्रीय निवेश की स्थिति (आईआईपी), सितंबर 20151 अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति, एक सांख्यिकीय विवरण है जो एक कालावधि के अंत तक, किसी अर्थव्यवस्था के (क) निवासियों की अनिवासियों पर दावित वित्तीय आस्तियों तथा आरक्षित आस्तियों के रूप में धारित स्वर्ण बुलियन और (ख) निवासियों की अनिवासियों के प्रति वित्तीय देयताओं का मूल्य और संरचना बताता है। एक अर्थव्यवस्था की बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं के बीच का अंतर उस अर्थव्यवस्था की शुद्ध अंतर्राष्ट्रीय निवेश स्थिति होती है, जो सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है । इस प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय लेखों का तुलन पत्र विश्लेषण, अर्थव्यवस्था के बाह्य क्षेत्र के टिकने की क्षमताओं और दुर्बलताओं को समझने में मदद करता है और आर्थिक संरचना का विश्लेषण करने में उपयोगी भी होता है। सितंबर 2015 को समाप्त तिमाही के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति के मुख्य अंश निम्नानुसार हैं:
बाह्य वित्तीय आस्तियों और देयताओं की रचना
ऋण देयताओं की तुलना में ऋणेतर देयताएँ
संगीता दास प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1537 1 भारत की तिमाही अंतरराष्ट्रीय निवेश स्थिति एक तिमाही के अंतराल पर प्रसारित की जा रही है और जून 2015 को समाप्त पिछली तिमाही की आईआईपी 30 सितंबर 2015 को वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई थी। |
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