मुद्रास्फीति अनुमान : भारत में मुद्दे और चुनौतियॉं : भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला - आरबीआई - Reserve Bank of India
मुद्रास्फीति अनुमान : भारत में मुद्दे और चुनौतियॉं : भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला
25 जनवरी 2012 मुद्रास्फीति अनुमान : भारत में मुद्दे और चुनौतियॉं : भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर श्री मुनीष कपूर का ''मुद्रास्फीति अनुमान : भारत में मुद्दे और चुनौतियॉं'' शीर्षक जनवरी 2012 महीने के लिए एक वर्किंग पेपर श्रृंखला जारी किया। लंबे और परिवर्तनशील अंतरण अंतरालों की दृष्टि से मौद्रिक नीति के लिए यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्याशित मुद्रास्फीति और उत्पादन गतिशीलता के प्रति कार्रवाई की जाए। अत: वृद्धि और मुद्रास्फीति के भरोसेमंद अनुमान प्रभावी मौद्रिक पंबंध के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह पेपर परिवर्धित फिलिप्स वक्र ढॉंचे का उपयोग करते हुए भारत में मुद्रास्फीति को स्वरूप प्रदान करने और उसका अनुमान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। मांग और आपूर्ति दोनों कारक मुद्रास्फीति के संचालक के रूप में देखे जाते हैं। मांग स्थितियों का हेडलाईन थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति की तुलना में गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पाद मु्द्रास्फीति (एनएफएमपी) पर मज़बूत प्रभाव देखा गया है। इसके अतिरिक्त हेडलाईन मुद्रास्फीति की अपेक्षा गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पाद मु्द्रास्फीति (एनएफएमपी) अधिक निरंतरता वाली पायी गई है। ये दोनों निष्कर्ष मुद्रास्फीति के एक मुख्य उपाय के रूप में गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पाद मु्द्रास्फीति (एनएफएमपी) के उपयोग का समर्थन करते हैं लेकिन गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पाद मु्द्रास्फीति (एनएफएमपी) पर वैश्विक गैर-इंधन वस्तुओं का प्रभाव भी अनिवार्य पाया गया है जो एक मुख्य उपाय के रूप में गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पाद मु्द्रास्फीति (एनएफएमपी) के उपयोग के लिए मामले को बदल देता है। गैर-इंधन वस्तुओं में मुद्रास्फीति को इंधन मुद्रास्फीति की अपेक्षा घरेलू मुद्रास्फीति के एक अधिक महत्वपूर्ण संचालक के रूप में देखा जाता है। यद्यपि, अक्सर ध्यान इंधन कीमतों पर होता है। विनिमय दर पास-थ्रू गुणांक नरम पाया गया है। लेकिन इसके बावजूद एक अल्पावधि समय में इसमें तेज़ गिरावट देखी गई है जिससे इंधन मुद्रास्फीतिकारी दबाव हो सकते हैं, जैसाकि जुलाई-सितंबर 2011 के दौरान हुआ था। आकलित समीकरण गत्यात्मक प्रौत्साहनों पर आधारित संतोषप्रद नमूनाबद्ध कार्यनिष्पादन दर्शाते हैं। तो भी अनुमान चुनौतियां अंतर्राष्ट्रीय तेल और अन्य पण्य वस्तु कीमतों तथा घरेलू खाद्य आपूर्ति गतिशीलता में अस्थिरता से उत्पन्न होती है। आपूर्ति पक्ष के इन कारकों ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय अस्थिरता प्रदर्शित की है तथा इसने मुद्रास्फीति गतिशीलता और इसके अनुमान के प्रति जटिलता को बढ़ाया है। अंत में प्रोटिन प्रधान मदों और फलों तथा सब्जियों से उत्पन्न संरचनात्क खाद्य मुद्रास्फीति घरेलू मुद्रास्फीति के एक मुख्य संचालक के रूप में उभरी है। यद्यपि, इस कारक पर इस पेपर में विचार नहीं किया गया है, उन्हें मुद्रास्फीति गतिशीलता की बेहतर समझ के लिए प्रतिदर्शात्मक ढांचे में शामिल करना उपयोगी होगा। आर. आर. सिन्हा प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1200 |