एफआईआई/पीएफपीआई/एनआरआई/एफडीआई/पीआईओ/एडीआर/जीडीआर द्वारा मैसर्स डी.बी.कॉर्प लिमिटेड में पीआईएस के तहत निवेश-सावधानी सूची से हटाया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
एफआईआई/पीएफपीआई/एनआरआई/एफडीआई/पीआईओ/एडीआर/जीडीआर द्वारा मैसर्स डी.बी.कॉर्प लिमिटेड में पीआईएस के तहत निवेश-सावधानी सूची से हटाया जाना
26 मई 2016 एफआईआई/पीएफपीआई/एनआरआई/एफडीआई/पीआईओ/एडीआर/जीडीआर द्वारा मैसर्स डी.बी.कॉर्प भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अधिसूचित किया है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई)/पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (आरएफपीआई) अब पोर्टफोलियो निवेश योजना (पीआईएस) के तहत मेसर्स एसबीसीपीओ लिमिटेड की चुकता पूंजी का 20 प्रतिशत से 26 प्रतिशत तक निवेश कर सकते हैं। सभी स्रोतों अर्थात् विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई)/पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (आरएफपीआई)/गैर-निवासी भारतीय (एनआरआई)/विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई)/भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ)/अमेरिकी डिपॉज़िटरी रसीदें (एडीआर)/ग्लोबल डिपॉज़िटरी रसीदें (जीडीआर), से कंपनी में कुल विदेशी निवेश कंपनी की चुकता पूंजी के 26 प्रतिशत से अधिक नहीं होंगी। रिज़र्व बैंक ने आगे सूचित किया कि मेसर्स डी.बी. कॉर्प लिमिटेड में एफ़आईआई/आरएफ़पीआई/एनआरआई/एफ़डीआई/पीआईओ/एडीआर/जीडीआर द्वारा विदेशी शेयर धारिता मौजूदा एफडीआई नीति के तहत निर्धारित सीमा से नीचे चली गई है। अतः, उपरोक्त कंपनी के शेयरों की खरीद पर लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए हैं। रिज़र्व बैंक ने कहा है कि कंपनी ने अपने निदेशक मंडल के स्तर पर प्रस्तावों को पारित किया है, जिसमें वे अपने इक्विटी शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचर की खरीद की सीमा बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं। खरीद प्राथमिक बाजार और स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से की जा सकती है और यह दिनांक 03 मई 2000 के फेमा अधिसूचना संख्या 20/2000-आरबी (समय-समय पर संशोधित) के विनियमन 5 (2) एवं 5 (3) और रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित अन्य निबंधन और शर्तों के अधीन होगी । रिजर्व बैंक ने इसे फेमा 1999 के तहत अधिसूचित किया है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2758 |