परिपक्वता तक धारित श्रेणी में निवेश - स्पष्टीकरण
2 अप्रैल 2014 परिपक्वता तक धारित श्रेणी में निवेश - स्पष्टीकरण कुछ मीडिया रिपोर्टों के जवाब में रिज़र्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि जैसाकि 23 अगस्त 2013 के इसके परिपत्र में इंगित किया गया था, तीन तिमाहियों के लिए मार्क टू मार्केट (एमटीएम) हानियों के विस्तार का विकल्प 31 मार्च 2014 को समाप्त हो गया है और इसे किसी प्रकार से बढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अतिरिक्त यह स्पष्ट किया गया है कि जैसाकि उपर्युक्त परिपत्र में इंगित किया गया था, बैंकों को एचटीएम श्रेणी के अंतर्गत कुल निवेश की 25 प्रतिशत की सीमा को बढ़ाने की अनुमति है बशर्ते कि अतिरिक्त सीमा में केवल एसएलआर प्रतिभूतियां ही हों और परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी में धारित कुल एसएलआर प्रतिभूतियां दूसरे पिछले पखवाड़े के अंतिम शुक्रवार को उनकी निवल मांग और समय देयताओं (एनडीटीएल) के 24.50 प्रतिशत से अधिक नहीं हों। उभरती परिस्थिति के आधार पर इस स्थिति की समीक्षा की जाएगी। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1944 |
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