भारत सरकार द्वारा नकदी प्रबंध बिलों का निर्गम
10 अगस्त 2009 भारत सरकार द्वारा नकदी प्रबंध बिलों का निर्गम भारत सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक के परामर्श से सरकार के असंतुलित अस्थायी नकदी प्रवाह को पूरा करने के लिए नकदी प्रबंध बिल नामक एक नया अल्पावधि लिखत जारी करने का निर्णय लिया है। यह नकदी प्रबंध बिल 91 दिनों से कम परिपक्वता अवधि के लिए गैर-मानक बट्टा लिखत होगा। नकदी प्रबंध बिल का सामान्य स्वरूप खज़ाना बिल की तरह होगा और उसकी बिक्री भारत सरकार द्वारा जारी तथा समय-समय पर संशोधित 31 मार्च 1998 की सामान्य अधिसूचना संख्या एफ2(12)-डब्ल्यूएण्डएम/97 में निर्धारित शर्तों के अधीन होगी। नकदी प्रबंध बिलों में निम्नलिखित विशिष्टताएं होंगी - क) प्रस्तावित नकदी प्रबंध बिल की अवधि, अधिसूचित राशि और जारी करने की तारीख सरकार की अस्थायी नकदी आवश्यकताओं पर निर्भर होगी। तथापि, प्रस्तावित बिलों की अवधि 91 दिनों से कम की होगी। ख) प्रस्तावित बिल खज़ाना बिलों की तरह निलामियों के द्वारा अंकित मूल्यों पर बट्टे पर जारी किया जाएगा। ग) प्रस्तावित बिलों की नीलामी की घोषणा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नीलामी की तारीख से एक दिन पूर्व अलग प्रेस प्रकाशनी के माध्यम से की जाएगी। घ) नीलामी का निपटान खज़ाना बिल + 1 आधार पर किया जाएगा। ङ) खज़ाना बिलों के लिए गैर-प्रतिस्पर्धी बोली योजना नकदी प्रबंध बिलों को उपलब्ध नहीं होगी। च) प्रस्तावित बिल लेनदेन योग्य होगा और तैयार वायदा सुविधा के लिए पात्र होगा। प्रस्तावित बिल में निवेश को बैंकों द्वारा बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 24 के अंतर्गत सांविधिक चलनिधि अनुपात के प्रयोजन के लिए सरकारी प्रतिभूतियों में एक पात्र निवेश के रूप में गिना जाएगा। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2009-2010/227 |
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