प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक लि., लातुर, का लाइसेंस रद्द किया गया - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक लि., लातुर, का लाइसेंस रद्द किया गया
25 जुलाई 2008
प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक लि., लातुर, का लाइसेंस रद्द किया गया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक लि., लातुर , महाराष्ट्र के अर्थक्षम नहीं रह जाने और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में 23 जुलाई 2008 को कारोबार की समाप्ति के बाद बैंक को दिया गया लाइसेंस रद्द करने का आदेश जारी किया। सहकारिता आयुक्त तथा सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। उल्लेख किया जाता है कि बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके पुनरुज्जीवित किए जाने हेतु सभी विकल्पों की जांच के बाद जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए अंतिम उपाय कं रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया। 31 मार्च 2005 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति नाजुक हो गई है तथा बैंक की नेट वर्थ नकारात्मक हो गई है। बैंक की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए तथा जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए 26 अप्रैल 2006 के आदेश के अनुसार बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक के परिचालन पर प्रतिबंध लगाते हुए बैंक को निर्देश जारी किए गए ।
31 मार्च 2007 की बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में सांविधिक निरीक्षण से यह संकेत मिला कि बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हो गई थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 17 मार्च 2008 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द कर दिया जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी ।
सुधार के लिए किसी अर्थक्षम प्रस्ताव तथा अपेक्षित विनियामक निर्धारण प्राप्त करने के अभाव में बैंक को पुनरुज्जीवित किए जाने की कोई संभावना नही थी। अत : भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक के जमाकर्ताओं के हित में अंतिम उपाय के रूप में बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया।
लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से बैंक के जमाकर्ताओं को निपेक्ष बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।
लाइसेन्स रद्द किये जाने के अनुसरण में बैंक पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित ‘बैंकिंग कारोबार’ करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री श्रीधर बेहरा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, नागपुर से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है:
डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, नागपुर क्षेत्रीय कार्यालय टेलीफोन नंबर : 0712-2538696 फैक्स नंबर : 0712-2552896, ई-मेल : sbehera@rbi.org.in.
जी. रघुराज
उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/111