भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड (जिला-पुणे, महाराष्ट्र) को निदेशाधीन किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड (जिला-पुणे, महाराष्ट्र) को निदेशाधीन किया
23 मई 2014 भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड (जिला-पुणे, महाराष्ट्र) को निदेशाधीन किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकसेवा सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला पुणे, महाराष्ट्र को 20 मई 2014 को कारोबार की समाप्ति से कुछ निदेश जारी किए हैं। इन निदेशों के अंतर्गत जमाकर्ताओं को अपने बचत बैंक या चालू खाते या अन्य जमा खाते में रखी कुल शेषराशि में से केवल ₹1,000/- (एक हजार रुपए मात्र) निकालने की अनुमति होगी। बैंक पर किसी प्रकार का ऋण और अग्रिम प्रदान करने या उसका नवीकरण करने, किसी प्रकार का निवेश करने, निधियां उधार देने सहित किसी प्रकार की देयता वहन करने और नई जमाराशियां स्वीकार करने, अपनी देनदारी और देयताओं या अन्य को पूरा करने में किसी भुगतान का वितरण करने या उसके लिए सहमति देने, कोई समझौता या प्रबंध करने और भारतीय रिज़र्व बैंक के 19 मई 2014 के निदेशों में अधिसूचित की गई संपत्तियों या आस्तियों को छोड़कर अन्य की बिक्री करने, उनका अंतरण करने या अन्यथा रूप से निपटान करने पर प्रतिबंध है। बैंक ऐसा केवल भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित में पूर्व अनुमोदन लेकर ही कर सकता है। रिज़र्व बैंक ने ये दिशानिर्देश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किए हैं। रिज़र्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि इसके निदेशों का अभिप्राय यह नहीं लगाया जाए कि बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है क्योंकि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा। रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/2271 |