तिमाही के मध्य में मौद्रिक नीति की समीक्षा: दिसंबर 2012 - आरबीआई - Reserve Bank of India
तिमाही के मध्य में मौद्रिक नीति की समीक्षा: दिसंबर 2012
18 दिसंबर 2012 तिमाही के मध्य में मौद्रिक नीति की समीक्षा: दिसंबर 2012 मौद्रिक और चलनिधि उपाय वर्तमान समष्टिआर्थिक आकलन के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि:
इसके परिणामस्वरूप चलनिधि समायोजन सुविधा के अंतर्गत प्रत्यावर्तनीय रिपो दर 7.0 प्रतिशत पर तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) और बैंक दर 9.0 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी। परिचय 2. अक्टूबर 2012 की दूसरी तिमाही समीक्षा (एसक्यूआर) से ही वैश्विक अर्थव्यवस्था ने स्थायीकरण के कुछ संकेत दर्शाए हैं यद्यपि, स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है। जबकि अमरीका और यूके में गतिविधि तेज़ हो रही है, यूरोक्षेत्र में आने वाली संभावनाएं अभी भी कमज़ोर हैं। इसके अतिरिक्त इस बात पर अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है कि किस प्रकार अमरीकी 'राजकोषीय कठिनाई' का प्रबंध किया जा सकता है। जबकि कई उभरती हुई और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं (ईडीई) धीरे-धीरे उच्चतर वृद्धि की ओर लौट रही हैं, कमज़ोर बाह्य मांग तथा उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (एई) से संक्रामक जोखिम अगले आघातों के प्रति उन्हें संवेदनशील बना रहे हैं। 3. घरेलू मोर्चे पर तेज़ी के कुछ प्रारंभिक संकेत हैं, यद्यपि वृद्धि उल्लेखनीय रूप से हाल की प्रवृत्ति से कम है। यद्यपि, उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति भी मज़बूत बनी हुई है, थोक मूल्य मुद्रास्फीति में सुधार की गति आशा की अपेक्षा तेज़ रही है। खाद्य और विनिर्माण कीमतों में आगे और कमी की आशा के साथ मुद्रास्फीतिकारी दबाव आने वाले महीनों में कुछ कम हो सकते हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था 4. दूसरी तिमाही से ही वैश्विक गतिविधि मंद रही है, लेकिन देश का वृद्धि पथ पुन: सुधरता हुआ दिखाई दे रहा है। अमरीका में वर्ष 2012 की तीसरी तिमाही के लिए संशोधित सकल घरेलू उत्पाद अनुमान यह संकेत देता है कि वृद्धि में तेज़ी बढ़ते हुए गैर-फार्म पे-रॉल रोज़गार, घरेलू बिक्री और मकान की कीमतों की सहायता से जारी है। एक मज़बूत सुधार की सहायता के लिए संघ ने अपनी परिमाणात्क सहजता को जारी रखा और दीर्घावधि खज़ाना प्रतिभूतियों की खरीद के माध्यम से और विस्तार की घोषणा की। इसके विपरित यूरो क्षेत्र वृद्धि तीसरी तिमाही में लगातार दूसरी तिमाही के लिए कम हुई है तथा खुदरा बिक्री चौथी तिमाही में तेज़ गति से कम होती रही है। जापान में तीसरी तिमाही में वृद्धि राजकोषीय प्रोत्साहन की एक नई सहायता की शुरुआत के साथ कम हुई है। समग्र रूप से नवंबर के लिए वैश्विक क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) 8 महीने के सभी उद्योग सूचकांक को उच्चतर दर्ज किए जाने के साथ तेज़ी का उल्लेख करता है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा और गैर-ऊर्जा वस्तुओं की कीमतें न्यूनतर मुद्रास्फीतिकारी दबाव को प्रस्तावित करते हुए लगातार दूसरे महीने के लिए नवंबर में कम हुई हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था वृद्धि 5. वर्ष 2012-13 की दूसरी तिमाही में 5.3 प्रतिशत पर सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि पहली तिमाही में 5.5 प्रतिशत से सीमांत रूप से कम रही है तथापि, तीसरी तिमाही में गतिविधि की कुछ हल्की मज़बूती के कुछ संकेत है। अक्टूबर में औद्योगिक गतिविधि तेज़ हुई है लेकिन अधिकांश रूप से यह एक न्यूनतर आधार तथा त्योहार संबंधी मांग के कारण है जिसने उपभोक्ता स्थाई वस्तुओं और गैर-स्थायी वस्तुओं की वृद्धि दोनों को दुहरे अंकों में पहुंचा दिया है। उल्लेखनीय रूप से पूंजीगत वस्तु उत्पादन ने गिरावट के 13 क्रमागत महीनों के बाद 7.5 प्रतिशत की एक वृद्धि दर्ज की है। विनिर्माण पीएमआई नवंबर में साधारण रूप से बढ़ा है क्योंकि आदेश पुस्तिका मात्रा में विस्तार हुआ है। जबकि सेवा पीएमआई में पिछले महीने के स्तर से गिरावट हुई है, नए कारोबार और आदेश पुस्तिका मात्रा में विस्तार आने वाले महीने में गतिविधि में बढ़ोतरी के बारे में सकारात्मक भावना प्रस्तावित करते हैं। कृषि क्षेत्र में रबी की बुआई का क्षेत्र कृषि वृद्धि की संभावना में सुधार के साथ तेज़ी से बढ़ रहा है। मुद्रास्फीति 6. हेड लाइन थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति मुख्य रूप से नवंबर में सब्जियों, खनिजों और ईंधन की कीमतों में कमी के कारण कम होकर 7.7 प्रतिशत हुई है। दूसरी ओर अनाज़ और प्रोटिन आधारित मदों जैसेकि अंड़े, मछली और मांस की कीमतों में पुन: मज़बूती आई है। उल्लेखनीय रूप से मुख्य (गैर-खाद्य विनिर्मित उत्पाद) मुद्रास्फीति धातुओं, सिमेंट और रसायनों की कीमतों में गिरावट की सहायता से कम हुई है। मौसमी रूप से समायोजित तीन महीने वाला गतिशील औसत वार्षिकीकृत गति संकेतक भी मुद्रास्फीतिकारी दबावों के घटने का संकेत देता है तथापि जारी थोक मुद्रास्फीति गतिविधियों के विपरीत खुदरा मुद्रास्फीति परिवर्धित रही है। नई संयुक्त (ग्रामीण और शहरी) उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार : 2010 = 100) मुद्रास्फीति खासकर सब्जियों, अनाजों, दालों, तेल और चर्बी के संबंध में जारी खाद्य मुद्रास्फीति दबावों को दर्शाते हुए नवंबर में बढ़ी है। इस सूचकांक के गैर-खाद्य संघटक भी निरंतर मुद्रास्फीतिकारी दबाव प्रस्तावित करते हैं। मौद्रिक और चलनिधि स्थितियां 7. जबकि मुद्रा आपूर्ति (एम3) वृद्धि न्यूनतर जमा वृद्धि और गैर-खाद्य ऋण वृद्धि के आर्थिक गतिविधि में कुछ तेज़ी का प्रस्ताव करते हुए 16 प्रतिशत की सांकेतिक सीमा से ऊपर बढ़ने के कारण अपनी सांकेतिक सीमा से कम रही है। चलनिधि स्थितियां रिज़र्व बैंक के साथ भारी सरकारी शेष तथा जमा और ऋण वृद्धि में बढ़ते हुए अंतर के कारण तीसरी तिमाही में मज़बूत रही है। औचित्यपूर्ण स्तरों पर चलनिधि घाटे को रोकने की दृष्टि से रिज़र्व बैंक ने ₹₹232 बिलियन की प्राथमिक चलनिधि डालते हुए 4 और 11 दिसंबर को खुले बाज़ार परिचालन (ओएमओ) आयोजित किया। तदनुसार, मुद्रा बाज़ार दरें रिपो दर के नज़दीक बनी रही। बाह्य क्षेत्र 8. तेल आयात में बढ़ोतरी के बने रहने के बावजूद तेल की कीमतों में नरमी के साथ अप्रैल-नवंबर के लिए संचयी व्यापार घाटा प्रतिकूल बाह्य वातावरण से भुगतान संतुलन के प्रति महत्वपूर्ण जोखिमों का संकेत देते हुए एक वर्ष पूर्व के अपने स्तर से बढ़ गया। दूसरी तिमाही की तुलना में पूंजी अंतर्वाह में सुधार होने पर भी भारी व्यापार और चालू खाता घाटे को दर्शाते हुए रुपये पर गिरावट के दबाव थे। संभावना 9. अग्रणी संकेतक वर्ष 2012 की शेष अवधि तथा वर्ष 2013 में वैश्विक वृद्धि की गति में हल्की मज़बूती का उल्लेख करते हैं यदि यूरो क्षेत्र और अमरीका में मज़बूत नीति कार्रवाइ होती है। संभावना के प्रति सबसे बड़ा जोखिम राजनीतिक आर्थिक विचारों से उत्पन्न होता है जो दृढ़ नीति कार्रवाई में बाधा डाल सकता है, देरी कर सकता है अथवा उसे कमज़ोर कर सकता है। ये परिणाम वित्तीय तनाव को गहरा तथा जोखिम प्रवृत्ति को उच्चतर बना सकते हैं। उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए व्यापकता का खतरा वैश्विक कारोबार तथा अस्थिर पूंजी प्रवाहों के लिए चिंताप्रद संभावना की दृष्टि से महत्वपूर्ण रह सकता है। यद्यपि, मुद्रास्फीति दबाव सुधरते हुए दिखाई देते हैं, बढ़ी हुई खाद्य और पण्य वस्तु कीमतें विशेष रूप से घरेलू आपूर्ति बाधाओं का सामना करनेवाली उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए संक्रामक जोखिम बने रह सकती हैं। 10. घरेलू मोर्चे पर सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दूसरी तिमाही समीक्षा में वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित 5.8 प्रतिशत की बेस लाईन अनुमान के ईर्द-गिर्द घूमती रही है। सरकार द्वारा हाल के नीति प्रयास तथा अगले सुधार कारोबारी भावना को प्रोत्साहित करने तथा निवेश वातावरण में सुधार में सहायता करेंगे। जहां तक मुद्रास्फीति का संबंध है, कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधिक्य मुख्य मुद्रास्फीति में सुधार के प्रति कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय पण्य वस्तु खासकर कच्चे तेल की कीमतों में कमी से उभरती हुई मुद्रास्फीतिकारी स्थितियों के दबाव को कुछ कम हो सकता है यदि यह रुपया अवमूल्यन के प्रभाव द्वारा संचालित नहीं हो। रिज़र्व बैंक उभरती हुई वृद्धि मुद्रास्फीति गतिशीलता की निकट से निगरानी कर रहा है तथा जनवरी 2013 में तीसरी तिमाही समीक्षा के एक भाग के रूप में वर्ष 2012-13 के लिए अपनी वृद्धि और मुद्रास्फीति अनुमानों के औपचारिक सांख्यिकीय आकलन को अद्यतन करेगा। मार्गदर्शन 11. पिछले कुछ महीनों के दौरान हेड लाईन मुद्रास्फीति रिज़र्व बैंक के अनुमानित स्तरों से कम रही है। मुख्य मुद्रास्फीति में गिरावट भी सुविधा प्रदान कर रही है। ये उभरते हुए ढांचे वर्ष 2013-14 में मुद्रास्फीति में तेज़ी से सुधार की संभावना को पुन: लागू करेंगे यद्यपि, मुद्रास्फीति अगले दो महीनों के दौरान उच्चतर से कम रहती है। मुद्रास्फीतिकारी दबवों के घटने की दृष्टि से मौद्रिक नीति को लगातार अपने ध्यान को बदलना होगा और इस बिंदु से आगे तक वृद्धि के प्रति खतरों पर कार्रवाई करनी होगी। जैसाकि दूसरी तिमाही समीक्षा में कहा गया है, वृद्धि में सहायता की दृष्टि से चलनिधि स्थितियों का प्रबंध किया जाएगा, जिसके द्वारा वृद्धि की सहायता के लिए नीति रूझान में पुन: बदलाव के लिए आधार तैयार किया जा सकेगा। समग्र रूप से हाल के मुद्रास्फीतिकारी ढांचे और अनुमान अगली तिमाही में नीति को सरल बनाने के बारे में अक्टूबर के हमारे मार्गदर्शन को पुन: लागू करने का एक आधार उपलब्ध कराएगा। तथापि, मुद्रास्फीति के प्रति जेखिम बने हुए हैं और तदनुसार, वृद्धि की ओर नीति दबाव होने पर भी नीति रूझान इन जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना रहेगा। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/1013 |