मिल्लत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावणगेरे- बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत सभी समावेशी निर्देशों का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
मिल्लत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावणगेरे- बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा 35 ए के अंतर्गत सभी समावेशी निर्देशों का विस्तार
08 नवंबर 2019 मिल्लत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावणगेरे- बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 जन साधारण के सूचनार्थ एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से सहमत है कि लोक हित में यह आवश्यक है की मिल्लत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावणगेरे, कर्नाटक को जारी दिनांक 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-III.सं.डी-12/12.23.096/2018-19 के परिचालन की अवधि बढ़ा दी जाए । तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथा लागू) की धारा 35 ए की उपधारा (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतदद्वारा निदेश देता है कि मिल्लत को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, दावणगेरे को जारी दिनांक 26 अप्रैल 2019 के निदेश डीसीबीएस.सीओ.बीएसडी-III.सं.डी-12/12.23.096/2018-19 जिसकी वैधता 07 नवम्बर तक थी, को 08 नवम्बर 2019 से 07 मई 2020 तक अगले छह माह की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जो समीक्षाधीन रहेगी । संदर्भाधीन निदेश के अन्य निबंधन एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों का यह अर्थ नहीं लगाया जाना चाहिए कि इस बैंक का बैंकिंग लाइसेंस रद्द किया गया है। बैंक की वित्तीय स्थिति में जब तक सुधार नहीं हो जाता है तब तक बैंक प्रतिबंधों के अधीन बैंकिंग कारोबार जारी रखेगा । भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है । (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/1148 |