संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत भारतीय कंपनियों में विदेशी निवेश की निगरानी – सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड - आरबीआई - Reserve Bank of India
संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत भारतीय कंपनियों में विदेशी निवेश की निगरानी – सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड
25 सितंबर 2014 संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत भारतीय कंपनियों में विदेशी निवेश की निगरानी –
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अधिसूचित किया है कि मेसर्स सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड में एफआईआई/आरएफचपीआई द्वारा विदेशी शेयरधारिता वर्तमान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के अंतर्गत निर्धारित संशोधित शुरूआती सीमा से कम हो गई है। अतः उपर्युक्त कंपनी के शेयरों की खरीद पर 18 जुलाई 2014 को लगाए गए प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से हटा लिए गए हैं। रिज़र्व बैंक ने आगे अधिसूचित किया है कि सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड ने अपने निदेशक मंडल की बैठक और अपनी वार्षिक सामान्य बैठक में संकल्प पारित किया है जिसमें एफआईआई/आरएफपीआई/क्यूएफआई द्वारा भारत में प्राथमिक/द्वितीयक बाजारों के माध्यम से इसकी चुकता पूंजी के 40 प्रतिशत (पूर्व की 35 प्रतिशत सीमा से संशोधित) तक इक्विटी शेयरों की खरीद की सहमति दी है। रिज़र्व बैंक ने आगे सूचित किया है कि सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड को एफआईआई/आरएफपीआई/ क्यूएफआई के लिए निवेश सीमा 40 प्रतिशत तक बढ़ाने का अनुमोदन इस शर्त के अधीन है कि बैंक में समग्र विदेशी निवेश 74 प्रतिशत की कुल क्षेत्रकीय सीमा (स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 49 प्रतिशत (अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश सहित) और सरकार मार्ग के अंतर्गत 49 प्रतिशत से 74 प्रतिशत तक) से अधिक नहीं होना चाहिए जैसाकि सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित किया जाता है। जैसाकि इस संबंध में सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड ने आवश्यक संकल्प पारित किए हैं, सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड के इक्विटी शेयरों की खरीद अब प्राथमिक बाजार और शेयर बाजारों के माध्यम से की जा सकती है बशर्ते कि- (ए) पंजीकृत एफआईआई के एकल एफआईआई/सेबी अनुमोदित उप-खाते द्वारा सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड में इक्विटी शेयरों की खरीद बैंक की चुकता इक्विटी पूंजी के 10 प्रतिशत (दस प्रतिशत) से अधिक नहीं होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि किया जाने वाला निवेश निर्धारित उच्चतम सीमा के अंदर हो। बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग (डीबीओडी) की वर्तमान नीति में शेयरों के अधिग्रहण/अंतरण की स्वीकृति पर 3 फरवरी 2014 को जारी नीतिगत दिशानिर्देशों के आधार पर एफआईआई द्वारा किसी निजी क्षेत्र के बैंक में 5 प्रतिशत और इससे अधिक के शेयरों के अधिग्रहण/अंतरण के लिए रिज़र्व बैंक की स्वीकृति की जरूरत है। यह भी सूचित किया गया है कि संविभाग निवेश योजना के अंतर्गत एफआईआई/आरएफपीआई/क्यूएफआई और एनआरआई के लिए अलग-अलग उच्चतम सीमा 5 प्रतिशत होगी और सभी एफआईआई/आरएफपीआई/ क्यूएफआई के लिए कुल सीमा 40 प्रतिशत होगी। यह भी नोट किया जाए कि उपर्युक्त शेयर (स्क्रिप) के लिए प्राप्त अनुमोदनों के लिए सभी आवेदन विधिवत रद्द किए गए हैं। सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड के इक्विटी शेयरों की खरीद अब प्राथमिक बाजार और शेयर बाजारों के माध्यम से की जा सकती है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/640 |