RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

80179872

मिस्टर अगस्टिन कार्स्टेंस, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) ने सत्रहवां सी.डी. देशमुख स्मारक व्याख्यान दिया जिसका शीर्षक था "केंद्रीय बैंकिंग और नवोन्मेष : वित्तीय समावेशन अनुसंधान में भागीदार"

25 अप्रैल 2019

मिस्टर अगस्टिन कार्स्टेंस, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) ने सत्रहवां सी.डी. देशमुख स्मारक व्याख्यान
दिया जिसका शीर्षक था "केंद्रीय बैंकिंग और नवोन्मेष : वित्तीय समावेशन अनुसंधान में भागीदार"

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 25 अप्रैल, 2019 को मुंबई में सत्रहवें सी. डी देशमुख स्मारक व्याख्यान की मेजबानी की। व्याख्यान श्री अगस्टिन कार्स्टेंस, महाप्रबंधक, अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (बीआईएस) द्वारा दिया गया। गवर्नर श्री शक्तिकान्त दास ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में अतिथियों का स्वागत किया और भारतीय रिज़र्व बैंक के पहले गवर्नर श्री सी. डी. देशमुख, जिन्होंने रिज़र्व बैंक और राष्ट्र के प्रति अपनी सराहनीय सेवाएं प्रदान की, की स्मृति में रिजर्व बैंक द्वारा स्थापित व्याख्यान श्रृंखला के महत्व पर प्रकाश डाला।

श्री अगस्टिन कार्स्टेंस दिसंबर 2017 से बीआईएस के महाप्रबंधक हैं। श्री कार्स्टेंस ने 2010 से 2017 तक बैंक ऑफ मैक्सिको के गवर्नर के रूप में कार्य किया। 2011 से 2017 तक बीआईएस बोर्ड के सदस्य होने के नाते, वे 2013 से 2017 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था बैठक और आर्थिक परामर्शदात्री परिषद के अध्यक्ष रहें । उन्होंने 2015 से 2017 तक अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति, आईएमएफ की नीति सलाहकार समिति की अध्यक्षता की। आज के व्याख्यान में, श्री कार्स्टेंस ने एक आधुनिक अर्थव्यवस्था में वित्तीय सेवाओं तक पहुंच के महत्व पर प्रकाश डाला और अर्थव्यवस्था में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में केंद्रीय बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। वित्तीय समावेशन औपचारिक ऋण, बचत और बीमा सुविधाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर गरीबी को कम करने में मदद कर सकता है। वित्तीय समावेशन में कुछ प्रमुख बाधाएं हैं, पर्याप्त धनराशि का अभाव, उच्च लागत और औपचारिक वित्तीय प्रणाली में विश्वास की कमी। श्री कार्स्टेंस ने कहा कि कीमत और वित्तीय स्थिरता नामक उनके मूल जनादेश पर ध्यान देकर केंद्रीय बैंक और वित्तीय प्राधिकरण वित्तीय प्रणाली में विश्वास बढ़ा सकते हैं और इस प्रकार से वित्तीय समावेशन के लिए आधार प्रदान कर सकते हैं। वित्तीय समावेशन की कुछ बाधाओं अर्थात् उच्च लागत, प्रलेखन और क्रेडिट इतिहास की कमी को दूर करने के लिए डिजिटल तकनीक और बड़े डेटा का उपयोग किया जा सकता है।

“केंद्रीय बैंकिंग और नवोन्मेष : वित्तीय समावेशन अनुसंधान में भागीदार” शीर्षक के उनके व्याख्यान का पूर्ण पाठ www.rbi.org.in पर रखा गया है।

योगेश दयाल
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2537

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?