राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा का उद्घाटन किया गया - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा का उद्घाटन किया गया
29 सितंबर 2008
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा का उद्घाटन किया गया
श्री वी.लीलाधर, उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज भारतीय रिज़र्व बैंक राष्ट्रीय समाशोधन केंद्र (एनसीसी), मुंबई में एक समारोह में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा का उद्घाटन किया।
इस सेवा का लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (इसीएस) परिचालन को केंद्रीकृत करना और प्रणाली में एकरूपता और दक्षता लाना है। इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा 90 के दशक की शुरूआत में लागू की गई और वर्तमान में सहज भुगतान तथा आावर्ती और थोक लेनदेन के लिए सुविधा प्रदान करते हुए 74 स्थानों पर परिचालनरत है। औसत आधार पर प्रत्येक माह लगभग 20 मिलियन इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा लेनदेन संसाधित किए जाते हैं। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा प्रणाली उपयोगकर्ताओं से केंद्र-वार इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा आँकड़ों के अलग-अलग सेट तैयार करने की अपेक्षा के साथ एक विकेंद्रीकृत तरीके से कार्य करती है। उपयोगकर्ताओं से अपेक्षा की जाती है कि वे प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा केंद्र को इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा फाईल प्रस्तुत करने के लिए स्थानीय प्रायोजक बैंकों के साथ संबंध बनाए रखें।
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (जमा) प्रायोजक बैंकों के साथ किसी उपयोगकर्ता के एकल नामे खाते में सहभागिता करने वाले केंद्र पर हिताधिकारी खाता लक्ष्य शाखा में बहुविध जमा को सुविधा प्रदान करेगी। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (नामे) उपयोगकर्ता खाते के एकल जमा में लक्ष्य खाताधारकों को बहुविध नामे डालने को सुविधा प्रदान करेगी। इस प्रणाली में सदस्य बैंकों के मुख्य बैंकिंग समाधान (सीबीएस) पर सुविधा प्रदान करने वाली एक पैन-इंडिया विशेषता है। इससे सभी सीबीस बैंक शाखाओं को उनके स्थानों पर ध्यान दिए बिना इस प्रणाली में सहभागिता करने में सुविधा होगी।
नए ढाँचे में उपयोगकर्ताओं को एक समेकित राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा फाईल तैयार करनी होगी और इसे केंद्रीय रूप में राष्ट्रीय समाशोधन केंद्र, नरीमन पाँईंट, मुंबई में अपने प्रायोजक बैंकों के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा। प्रायोजक बैंक इस प्रयोजन के लिए उपलब्ध कराए गए वेब-सर्वर का उपयोग करेंगे। इस वेब-सर्वर में ऑन-लाईन आँकड़ा प्रमाणीकरण की सुविधा भी होगी ताकि दोषमुक्त आँकड़े संसाधन के लिए डाले जा सकें। प्रायोजक बैंकों द्वारा यह फाईल निपटान दिवस के एक दिन पूर्व निर्धारित समय तक अपलोड की जा सकती है जिससे संसाधन के लिए अपेक्षित अग्रणी समय को और नीचे लाया जा सके। विवरणियाँ भी स्वयं निपटान दिवस को संसाधित हो जाएंगी और इस प्रकार तीसरे दिन उपयोगकर्ताओं को लेनदेन की स्थिति प्राप्त हो सकेगी।
आज की तारीख तक 50 बैंकों की 25,000 शाखाएं राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा परिचालनों में सहभागिता कर रही हैं और आगे चलकर अन्य बैंकों के भी शामिल होने की आशा है।
पहले चरण में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (जमा) लागू करने का प्रस्ताव है। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन सेवा (नामे) अनुभव और सदस्य बैंकों से प्राप्त प्रतिसूचना के आधार पर बाद में लागू की जाएगी।
अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/410