"जगत गुरु श्री नारायणा गुरुदेव’ की स्मृति में 5 रुपये के क्यूप्रो-निकल के नए सिक्के - आरबीआई - Reserve Bank of India
"जगत गुरु श्री नारायणा गुरुदेव’ की स्मृति में 5 रुपये के क्यूप्रो-निकल के नए सिक्के
31 दिसंबर 2008 "जगत गुरु श्री नारायणा गुरुदेव’’ की स्मृति में भारतीय रिज़र्व बैंक "जगत गुरु श्री नारायणा गुरुदेव" की स्मृति में भारत सरकार द्वारा जारी 5 रुपये के क्यूप्रो-निकल के नए सिक्के शीघ्र ही परिचालित करेगा। ये सिक्के नामत: निम्नलिखित विस्तार, अभिकल्प और संरचना के अनुरूप होंगे :
अभिकल्प : मुखभाग : सिक्के के मुख भाग पर अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष होगा जिसके बीच में "सत्यमेव जयते" इबारत अंतर्लिखित होगी, उसकी ऊपरी बांई परिधि पर हिन्दी में "भारत" शब्द और ऊपरी दायीं परिधि में अंग्रेजी में "INDIA" शब्द होगा। इस पर सिंह शीर्ष के नीचे अंतर्राष्ट्रीय अंकों में अंकित मूल्य "5" भी होगा और निचली बायीं परिधि पर हिन्दी में "रुपए" शब्द और निचली दायीं परिधि पर अंगेजी में "RUPEES" शब्द होगा। परिधि पर 72 बिंदु होंगे। पृष्ठ भाग : सिक्के के इस भाग में "जगत गुरु श्री नारायणा गुरुदेव" की प्रतिकृति होगी और बांई ऊपरी परिधि पर हिन्दी में शब्द "जगत गुरु श्री नारायणा गुरुदेव" और दायीं ऊपरी परिधि पर अंग्रेजी में "JAGATH GURU SREE NARAYANA GURUDEV" शब्द होंगे। परिधि पर 72 बिंदु होंगे। सुरक्षा किनारा : सिक्के की परिधि पर सुरक्षा किनारा और सिरेशित होगी। किनारे के मध्य में रिक्त जगहों द्वारा पृथक किए गए दो खंडों के अन्दर की ओर डिज़ाइन में उथला खांचा होगा। इस डिज़ाइन में उभार में मनकों की श्रृंखला अंतर्विष्ट होगी और मनका उभार में झुकी हुई एक पंक्ति द्वारा अनुगम किए होगा। इसमें कुल 30 पंक्तियां और 30 मनके होंगे। पाँच रुपये का यह सिक्का निर्माण अधिनियम 1906 में यथाउद्धृत एक वैध मुद्रा होगा। वर्तमान में परिचालन में पाँच रुपये के सिक्के भी वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेंगे। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/994 |