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जगतगुरु श्री नारायणा गुरुदेव की स्मृति में 5 रुपये के फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (एफएसएस) के नए सिक्के

26 नवंबर 2008

26 नवंबर 2008

"जगतगुरु श्री नारायणा गुरुदेव’’ की स्मृति में
5 रुपये के फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (एफएसएस) के नए सिक्के

भारतीय रिज़र्व बैंक "जगतगुरु श्री नारायणा गुरुदेव" की स्मृति में भारत सरकार द्वारा जारी 5 रुपये के फेरिटिक स्टेनलेस स्टील (एफएसएस) के नए सिक्के शीघ्र ही परिचालित करेगा।

ये सिक्के नामत: निम्नलिखित विस्तार, अभिकल्प और संरचना के अनुरूप होंगे :

सिक्के का अंकित मूल्य

आकार, वजन और बाह्य व्यास

धातु संरचना

पाँच रुपए

सुरक्षा किनारों सहित वृत्ताकार
23 मि.ली. व्यास के साथ।
वजन - 6 ग्राम

फेरिटिक स्टेनलेस स्टील
क्रोमियम - 17 प्रतिशत
लोहा - 83 प्रतिशत

अभिकल्प :

मुखभाग :

सिक्के के मुख भाग पर केंद्र में अशोक स्तंभ का सिंह शीर्ष होगा जिसके नीचे "सत्यमेव जयते" इबारत अंतर्लिखित होगी, उसकी बायीं ऊपरी परिधि में हिन्दी में "भारत" शब्द और ऊपरी दायीं परिधि में अंग्रेजी में "INDIA" शब्द होगा। इस पर अंतर्राष्ट्रीय अंकों में अंकित मूल्य "5" भी होगा और निचली बायीं परिधि में हिन्दी में "रुपये" शब्द और निचली दायीं परिधि में अंगेजी में "RUPEES" शब्द होगा। उस पर परिधि में 72 (बहत्तर) बिंदु होंगे।

पृष्ठ भाग :

पाँच रुपये के इस सिक्के के पृष्ठ भाग पर "जगतगुरु श्री नारायणा गुरुदेव" की प्रतिकृति होगी और बाई ऊपरी परिधि में हिन्दी में "जगतगुरु श्री नारायणा गुरुदेव" शब्द और दायीं ऊपरी परिधि में अंगेजी में "JAGAT GURU SREE NARAYANA GURUDEV" शब्द होंगे। परिधि में 72 (बहत्तर) बिंदु होंगे।

पांच रुपये के सिक्के के लिए सुरक्षा किनारा

पाँच रुपये के सिक्के का किनारा उसकी परिधि का सुरक्षा किनारा होगा। किनारे के मध्य में दो रिक्त जगह द्वारा पृथक दो खंडों की ओर डिजाइन उभरा खांचा होगा। इस डिजाइन में उभार में मनकों की श्रृंखला होगी और प्रत्येक मनके के पश्चात् उभार में एक झुकी हुई पंक्ति द्वारा अनुगम होगा। इसमें कुल तीस पंक्तियां और तीस मनके होंगे।

पाँच रुपये का यह सिक्का निर्माण अधिनियम 1906 में यथाउद्धृत एक वैध मुद्रा होगा। वर्तमान में परिचालन में पाँच रुपये के सिक्के भी वैध मुद्रा के रूप में जारी रहेंगे।

अजीत प्रसाद
प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/773

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