गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मंजूर बुनियादी ऋणों के मानदंडों में रियायत - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मंजूर बुनियादी ऋणों के मानदंडों में रियायत
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मंजूर बुनियादी ऋणों के मानदंडों में रियायत
1 अगस्त 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके बुनियादी ऋणों की ऋण जोखिम से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंड आशोधित किये। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए निर्धारित मानदंड बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार ही हैं।
तदनुसार, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बुनियादी ऋण मंजूर करने के लिए प्रोत्साहन देने के प्रयोजन से भारतीय रिज़र्व बैंक ने विशिष्ट रूप से निर्देश दिये हैं कि अब गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मंजूर बुनियादी ऋण आस्तियों को अवमानक के रूप में वर्गीकृत करने से पहले जब पुन:संरचित या पुन:विनिमेय (रीनिगोशिएटेड) या पुन:निर्धारित किया जाता है, उन्हें कतिपय शर्तों के अधीन मानक आस्तियों के रूप में वर्गीकृत करना जारी रह सकता है। साथ ही, यदि अतिरिक्त ऋण जोखिम बुनियादी ऋणों और निवेशों के कारण हो, तो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को ऋण जोखिम मानदंड एकल पार्टी के लिए 5 प्रतिशत और पार्टियों के एकल समूह के लिए 10 प्रतिशत बढ़ाने की अनुमति दी जाती है। आगे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा बुनियादी सुविधा से संबद्ध एएए दर्जा निर्धारक सिक्युरिटाइज्ॅड पेपर में किये गये सभी निवेशों पर 50 प्रतिशत जोखिम भारिता होगी। (100 प्रतिशत के बजाय)
अनर्जक परिसंपत्ति की अवधि में कटौती
अनर्जक परिसंपत्ति को वर्तमान 24 महीने के मानदंड के बजाय केवल 18 महीने की अवधि के लिए अवमानक श्रेणी में उस तारीख से वर्गीकृत किया जायेगा, जिस तारीख से उसे अनर्जक परिसंपत्ति के रूप में मान्यता दी जाती है। उसी तरह, मौजूदा 24 महीने के मानदंड के बजाय 18 महीने के लिए परिसंपत्ति अवमानक श्रेणी में रहने के बाद उसे संदेहपूर्ण परिसंपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया जायेगा।
विस्तृत परिपत्र और अधिसूचनाएं भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट
www.rbi.org.in पर उपलब्ध हैं। अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2003-2004/152