वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग - वसूली एजेंटों को नियुक्त करने वाली विनियमित संस्थाओं का उत्तरदायित्व - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग - वसूली एजेंटों को नियुक्त करने वाली विनियमित संस्थाओं का उत्तरदायित्व
12 अगस्त 2022 वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग - वसूली एजेंटों को नियुक्त करने वाली विनियमित संस्थाओं का भारतीय रिज़र्व बैंक, विनियमित संस्थाओं (आरई), यथा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आदि द्वारा नियोजित वसूली एजेंटों (आरए) से संबंधित मुद्दों और इन एजेंटों द्वारा ऋण वसूली गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु अपनाई जा रही पद्धतियों और प्रथाओं का समाधान करता रहा है। भारतीय रिज़र्व बैंक, उचित व्यवहार संहिता (एफपीसी) पर दिशानिर्देशों के भाग के रूप में, पूर्व में ही आरई को सूचित कर चुका है कि उन्हें अपने ऋण वसूली प्रयासों में उधारकर्ताओं को डराने या परेशान करने, विषम समय पर फोन पर कॉल करना आदि का सहारा नहीं लेना चाहिए। 2. वसूली के उद्देश्य से उधारकर्ताओं को फोन पर कॉल करने के लिए अनुमत समय पर मौजूदा दिशानिर्देश वर्तमान में आवास वित्त कंपनियों और सूक्ष्म वित्त ऋण प्रदान करने वाले आरई के संबंध में विनिर्दिष्ट हैं। 3. आरए द्वारा अपनाई जाने वाली अस्वीकार्य प्रथाओं की बढ़ती घटनाओं सहित हाल की कुछ घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिशानिर्देशों के दायरे का विस्तार करते हुए और अतिदेय ऋणों की वसूली के लिए उधारकर्ताओं को फोन पर कॉल करने की समयावधि को सीमित करते हुए आरई को कुछ अतिरिक्त निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित), सहकारी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों पर लागू होंगे। इस संबंध में एक परिपत्र आज जारी किया गया है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/707 |