23 मार्च 2016 गैर-सरकारी गैर-बैंकिंग वित्तीय और निवेश (एनजीएनबीएफ एंड आई) कंपनियों का कार्यनिष्पादन, 2014-15: आंकड़ों का प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वर्ष 2014-15 के लिए गैर-सरकारी गैर-बैंकिंग वित्तीय निवेश (एनजीएनबीएफ एंड आई) कंपनियों (चिट फंड/कुरी और म्युच्यूअल फंड कंपनियों सहित) के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराए हैं। इन आंकड़ों को 23,293 कंपनियों के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखा आंकड़ों के आधार पर समेकित किया गया है। इनमें से, 22,899 कंपनियों से संबंधित आंकड़े कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) की प्रणालियों (एक्सटेंसिबल बिजनस रिपोर्टिंग लैंग्वेज (एक्सबीआरएल) और फॉर्म एओसी-4 (गैर-एक्सबीआरएल) प्लेटफॉर्म) पर आधारित हैं, 363 कंपनियों के आंकड़ों का भारतीय रिज़र्व बैंक के सांख्यिकी और सूचना प्रबंध विभाग द्वारा मिलान किया गया है जबकि शेष 31 कंपनियों के आंकड़े कैपिटल लाइन प्लस डेटा सर्विसिज (एमसीए की चुनिंदा एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों और कंपनी फाइनैंस प्रभाग (सीएफडी) के आंकड़े शामिल नहीं हैं) से प्राप्त किए गए हैं, इन कंपनियों ने अप्रैल 2014 से मार्च 2015 के दौरान अपने लेखा बंद किए। ये आंकड़े एक जैसी कंपनियों के वर्ष 2012-13 से 2014-15 के लिए तीन वर्ष की अवधि की तुलनात्मक तस्वीर प्रस्तुत करते हैं। विवरणों से संबंधित ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ अंत में दी गई हैं। कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए जनसंख्या चुकता पूंजी (पीयूसी) के अनंतिम अनुमान के अनुसार 23,293 एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियां 31 मार्च 2015 की स्थिति के अनुसार सभी एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों का 77.8 प्रतिशत रहीं। मुख्य अंश:
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एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों के कार्यनिष्पादन में पिछले वर्ष के मुकाबले वर्ष 2014-15 में सुधार हुआ था। चुनिंदा 23,293 एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों की वित्तीय आय में मुख्य रूप से उच्चतर ब्याज आय के कारण वर्ष 2014-15 में 17.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई (2013-14 में 15.1 प्रतिशत)। वर्ष 2014-15 के दौरान कुल आय 17.4 प्रतिशत तक बढ़ी जबकि पिछले वर्ष में 13.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
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कर्मचारियों के पारितोषिक (पिछले वर्ष के 11.4 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2014-15 में 25.1 प्रतिशत) में बढोतरी के कारण वर्ष 2014-15 में कुल व्यय 16.3 प्रतिशत तक बढ़ गया (वर्ष 2013-14 में 14.3 प्रतिशत)। तथापि, ब्याज खर्च वर्ष 2013-14 में 17.1 प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2014-15 में 12.7 प्रतिशत की कम दर से बढ़ा।
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वर्ष 2014-15 में परिचालन लाभ (ईबीडीटी) और चुनिंदा एनजीएनबीएफ एंड आई कंपनियों का निवल लाभ बढ़ा। पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2014-15 में आस्तियों पर प्रतिफल (कुल निवल आस्तियों की तुलना में निवल लाभ के अनुपात के रूप में मापित) और शेयरधारकों की इक्विटी पर प्रतिफल (निवल मालियत की तुलना में निवल लाभ के अनुपात के रूप में मापित) के साथ परिचालन लाभ मार्जिन (वित्तीय आय की तुलना में परिचालन लाभ के अनुपात के रूप में मापित) में थोड़ी सी वृद्धि हुई।
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कुल उधारी में 2013-14 के 12.5 प्रतिशत से 2014-15 में 19.1 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। हालांकि, बैंकों से उधारी में पिछले वर्ष के 12.0 प्रतिशत से 2014-15 में 11.7 प्रतिशत तक की मामूली गिरावट हुई। तीन साल की अवधि में चुनिंदा एनजीएनबीएफ और आई कंपनियों की ऋण इक्विटी अनुपात में वृद्धि की प्रवृत्ति देखी गई।
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देनदारियों के पक्ष में, पिछले साल की तुलना में 2014-15 के दौरान अल्पकालिक और दीर्घकालिक उधार की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई। हालांकि शेयरधारकों की निधि में तीन वर्ष अर्थात वर्ष 2012-13 से 2014-15 तक की अवधि में धीरे-धीरे गिरावट आई।
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परिसंपत्तियों के पक्ष में, 2014-15 के दौरान अल्पकालिक ऋण और अग्रिम की हिस्सेदारी और मौजूदा निवेश में वृद्धि हुई, जबकि पिछले साल की तुलना में 2014-15 के दौरान लंबी अवधि के ऋण और अग्रिम की हिस्सेदारी के साथ गैर मौजूदा निवेश में गिरावट आई।
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व्यापार के विस्तार में धन के लिए चुनिंदा एनजीएनबीएफ और आई कंपनियों ने बाहरी स्रोतों पर मुख्य रूप से निर्भर रहना जारी रखा; हालांकि पिछले साल की तुलना में 2014-15 के दौरान निधियों के कुल स्रोतों में उनकी हिस्सेदारी में मामूली गिरावट दर्ज की गई। लघु अवधि और लंबी अवधि के उधार के माध्यम से जुटाए धन की हिस्सेदारी में पिछले वर्ष के 14.8 प्रतिशत और 36.9 प्रतिशत से 2014-15 में क्रमश: 20.3 प्रतिशत और 42.6 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। निधियों का मुख्य रूप से उपयोग उनके मौजूदा और गैर मौजूदा निवेश के साथ लघु अवधि ऋण और अग्रिम संविभागों के विस्तार के लिए किया गया।
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निधियों के कुल उपयोगों में चुनिंदा एनजीएनबीएफ और आई कंपनियों द्वारा गैर मौजूदा निवेश की हिस्सेदारी 2013-14 में 6.7 प्रतिशत से काफी बढ़कर 2014-15 में 13.0 प्रतिशत हो गई।
चुनिंदा 23,293 एनजीएनबीएफ और आई कंपनियों के समग्र स्तर और गतिविधि-वार कार्यनिष्पादन के विश्लेषण पर एक लेख भारतीय रिजर्व बैंक बुलेटिन के अप्रैल 2016 अंक में प्रकाशित किया जा रहा है। अजीत प्रसाद सहायक परामर्शदाता प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2251 |