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वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन

26 दिसंबर 2018

वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट कारोबार क्षेत्र का कार्यनिष्पादन

आज, रिज़र्व बैंक ने वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के दौरान निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए जो 2,700 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय (एनजीएनफ) कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों से लिए गए हैं। वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही और वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही के आंकड़े भी तुलना करने के लिए सारणियों में प्रस्तुत किए गए हैं। इन आंकड़ों को https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=statistics#!2_42 पर प्राप्त किया जा सकता है।

मुख्य-मुख्य बातें

बिक्री

  • विनिर्माण क्षेत्र में मांग स्थिति में वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में निरंतरता बनी रही जैसाकि मजबूत बिक्री वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में प्रतिबिंबित हुआ।

  • विनिर्माण क्षेत्र की बिक्री में वृद्धि कपड़ा उद्योग द्वारा दर्ज किए गए महत्वपूर्ण सुधार के साथ मुख्य रूप से रासायनिक और रासायनिक उत्पादों; लोहा और इस्पात; और पेट्रोलियम उत्पादों के उद्योग में मजबूत मांग की स्थिति द्वारा समर्थित थी। दूसरी ओर, मोटर वाहनों और अन्य परिवहन उपकरणों की बिक्री में भारी गिरावट देखी गई, जो बड़े प्रतिकूल आधार प्रभाव और अंशत: दवाइयों और दवाओं के उद्योगों द्वारा संचालित रही।

  • सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र ने पिछली तिमाही की बिक्री वृद्धि में और सुधार दर्ज किया। दूरसंचार में निरंतर संकुचन के बावजूद, सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र ने थोक और खुदरा व्यापार से समर्थन के आधार नई उंचाइयां प्राप्‍त की।

व्यय

  • विनिर्माण कंपनियां निरंतर रूप से बढ़ती इनपुट लागत (कच्चे माल की लागत, स्टाफ लागत) दबावों का सामना कर रही हैं।

  • बिक्री वृद्धि में सुधार के साथ आईटी क्षेत्र में स्टाफ लागतें बढ़ गई।

परिचालन लाभ

  • विनिर्माण क्षेत्र में इनपुट लागतों में वृद्धि के बावजूद परिचालन लाभ में तंदुरूस्‍ती बनी रही।

  • सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के परिचालन लाभ में वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में और कमी आई।

ब्याज

  • विनिर्माण क्षेत्र की ब्याज व्यय में उसके एक वर्ष पहले के स्तर से नरमी के संकेत दिखाए जो कॉर्पोरेट क्षेत्र का चालू डिलीवरेज़ दर्शा रहा है।

  • विनिर्माण क्षेत्र का ब्याज कवरेज़ अनुपात (आईसीआर) पांच से ऊपर रहा जैसाकि पिछली तिमाही में था । सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के लिए आईसीआर एक से कम रहा जिसका मुख्य कारण दूरसंचार कंपनियां, परिवहन और स्‍टोरेज सर्विसेस कंपनियां रहीं।

निवल लाभ

  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए निवल लाभ वृद्धि में मजबूती के साथ सुधार में निरंतरता बनी रही जिसे अन्‍य आय से समर्थन मिला।

मूल्य निर्धारण क्षमता

  • विनिर्माण क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ और निवल लाभ मार्जिन के मामले में मूल्यनिर्धारण क्षमता में कुछ कमी आई, सेवा (गैर-आईटी) क्षेत्र के लिए परिचालन लाभ मार्जिन में कुछ कमी आई तथापि उच्‍चतर गैर परिचालन आय के कारण निवल लाभ मार्जिन में सुधार हो गया।

सारणियों की सूची
सारणी सं. शीर्षक
1 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
2 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन – क्षेत्र-वार वृद्धि दर
चयनित अनुपात
3 चुकता पूंजी के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
4 बिक्री के आकार के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
5 उद्योग के अनुसार सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों का कार्यनिष्पादन वृद्धि दर
चयनित अनुपात
व्याख्यात्मक टिप्पणियां
शब्दावली

टिप्पणियां:

  • विभिन्न तिमाहियों में परिणामों की घोषणा की तारीख के आधार पर कंपनियों का कवरेज़ भिन्न-भिन्न है, तथापि इससे समग्र स्थिति में ज्यादा परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।

  • 5 बिलियन से अधिक मालियत वाली सूचीबद्ध कंपनियों को वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही तक नए लेखांकन मानक (इंड-एएस) अपनाने थे और शेष सूचीबद्ध कंपनियों को ये वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही तक अपनाने थे जैसाकि कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अधिदेश दिया गया है। भारतीय लेखांकन मानक वैश्विक रूप से स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के लिए वित्तीय लेखांकन और रिपोर्टिंग मानकों (आईएफआरएस) के अभिसरण की ओर एक कदम है।

  • ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ जिनमें आंकड़ों के संकलन के लिए अपनाई जाने वाली संक्षिप्त पद्धति दी गई है और शब्दावली (संशोधित परिभाषा और परिकलन सहित जो पिछले प्रकाशनों से भिन्न हैं) अंत में दी गई है।

अनिरुद्ध डी. जाधव
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/1465

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