निजी कंपनी कारोबार क्षेत्र के 2013-14 की तीसरी तिमाही के दौरान कार्य निष्पादन के आंकड़े जारी
7 मार्च 2014
निजी कंपनी कारोबार क्षेत्र के 2013-14 की तीसरी तिमाही के दौरान कार्य निष्पादन के आंकड़े जारी
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर वर्ष 2013-14 (अक्टूबर-दिसंबर 2013) के दौरान गैर-वित्तीय निजी कंपनी कारोबार क्षेत्र के कार्यनिष्पादन से संबंधित आंकड़े जारी किए।
समेकित किए गए आंकड़े 2,731 सूचीबद्ध गैर-सरकारी गैर-वित्तीय कंपनियों के संक्षिप्त वित्तीय परिणामों पर आधारित हैं। तुलना करने के लिए वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही और वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही से संबंधित समान आंकड़े भी प्रस्तुत किए गए हैं। विभिन्न तिमाहियों में कंपनियों का कवरेज़ तिमाही परिणामों की घोषणा की तारीख के आधार पर कुछ हद तक भिन्न-भिन्न है, किंतु इससे समग्र स्थिति के अत्यधिक बदलने की अपेक्षा नहीं है। आंकड़ों के समेकन के लिए अपनाई गई संक्षिप्त पद्धति वाली ‘व्याख्यात्मक टिप्पणियां’ और शब्दावली अंत में दी गई हैं।
मुख्य-मुख्य बातें:
समग्र बिक्री वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में सुधार के बाद वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में कमी आई।
यह परिवर्तन बड़ी कंपनियों (वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में ₹10 बिलियन से अधिक वार्षिक बिक्री) में देखा गया जबकि लघु कंपनियों की कुल बिक्री में कमी जारी रही। विनिर्माण, सेवा (सूचना प्रौद्योगिकी को छोड़कर) और सूचना प्रौद्योगिकी की बिक्री वृद्धि में गिरावट देखी गई।
कच्चे माल के व्यय और स्टाफ लागत में कम वृद्धि के कारण कुल व्यय वृद्धि में गिरावट आई।
व्यय में कम वृद्धि के कारण ब्याज, कर, अवमूल्यन और परिशोधन पूर्व अर्जन (ईबीआईटीडीए) द्वारा मापित परिचालन लाभ में पिछली तिमाही में देखी गई कमी की तुलना में वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में सभी क्षेत्रों में ब्याज व्यय की वृद्धि (वर्ष-दर-वर्ष) में कमी आई। ब्याज और कर पूर्व अर्जन (ईबीआईटी)/ब्याज खर्च द्वारा व्यक्त ब्याज कवरेज़ अनुपात वर्ष 2013-14 की दूसरी तिमाही और वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही के अनुपातों से तुलनीय रहा।
अन्य आय में वर्ष 2013-14 की तीसरी तिमाही में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। निवल लाभों में अन्य आय की हिस्सेदारी में वर्ष 2012-13 की तीसरी तिमाही में देखे गए स्तर से वृद्धि हुई, यद्यपि यह पिछली तिमाही के स्तर से कम रही।
समग्र स्तर पर कुछ सीमा तक ईबीआईटीडीए मार्जिन में सुधार हुआ और यह सुधार सभी प्रमुख क्षेत्रों में हुआ। निवल लाभ मार्जिन में भी समग्र स्तर पर विनिर्माण क्षेत्र में सुधार हुआ, तथापि सेवा (सूचना प्रौद्योगिकी और गैर-सूचना प्रौद्योगिकी) क्षेत्र में कमी आई।
संगीता दास निदेशक
प्रेस प्रकाशनी : 2013-2014/1772
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