भारत के लिए तिमाही अनुमान मॉडलः मुख्य तत्व और विशेषताएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत के लिए तिमाही अनुमान मॉडलः मुख्य तत्व और विशेषताएं
25 नवंबर 2016 भारत के लिए तिमाही अनुमान मॉडलः मुख्य तत्व और विशेषताएं भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक वर्किंग पेपर श्रृंखला के अंतर्गत एक वर्किंग पेपर उपलब्ध कराया है जिसका शीर्षक है – “भारत के लिए तिमाही अनुमान मॉडलः मुख्य तत्व और विशेषताएं” और यह पेपर जरोमिर बेनिस, केविन क्लिंटन, आशीष थॉमस जॉर्ज, प्रणव गुप्ता, जॉइस जॉन, ओन्ड्रा कामेनिक, डग्लस लैक्सटन, प्रतीक मित्रा, जी.वी. नाधनेल, रफेल पोर्टिलो, हो वैंग और फैन झांग ने लिखा है। भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम में संशोधन के साथ मई 2016 में औपचारिक रूप से लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्य (एफआईटी) ढांचा अपनाया है जिसमें मौद्रिक नीति के लिए मजबूत सांकेतिक एंकर पर बल दिया गया है। ऐसे एफआईटी ढांचे में, जिसे मुद्रास्फीति पूर्वानुमान लक्ष्य ढांचे के रूप में भी जाना जाता है, विश्वसनीय मध्यावधि पूर्वानुमान और इस बात की जानकारी कि नीतिगत कार्रवाई कैसे मुद्रास्फीति और आउटपुट के लक्ष्य चरों को प्रभावित करेगी, मौद्रिक नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण बन जाते हैं। इस पेपर का उद्देश्य भारत में एफआईटी के लिए सहायता उपलब्ध कराने हेतु पूर्वानुमान और नीति विश्लेषण प्रणाली पर आधारित तिमाही अनुमान मॉडल (क्यूपीएम) के बारे में बताना है। क्यूपीएम को लघु न्यू कीन्सियन मुक्त अर्थव्यवस्था ढांचे के ईर्द-गिर्द संरचित किया गया है। इस मॉडल में भारत विशिष्ट मुख्य विशेषताओं, विशेषकर मुद्रास्फीति गतिशीलता और मौद्रिक नीति अंतरण की विशेषताओं को शामिल किया गया है। यह पेपर विभिन्न झटकों के प्रति मुख्य समष्टि आर्थिक चरों के जवाब में मॉडल विशेषताओं का वर्णन करता है। इस पेपर में महत्वपूर्ण चरों के ऐतिहासिक वियोजन जिसके लिए क्यूपीएम का उपयोग किया गया है, का भी वर्णन किया गया है अनिरूद्ध डी. जाधव प्रेस प्रकाशनी : 2016-2017/1331 |