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अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी-जून 2005

3 नवंबर 2005

अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी-जून 2005

जून 2005 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार "अनुसूचित वाणिज्य बैंको की जमाराशियों एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी-जून 2005" अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण संबंधी आँकड़े दर्शाती है। ये आँकड़े अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) की सभी शाखाओं से प्राप्त होनेवाली मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियों (बीएसआर)-7 पर आधारित होते हैं। इस तिमाही में आई डी बी आई बैंक लि. का आई डी बी आई लि. में विलय हुआ । आई डी बी आई लि. से संबंधित आँकड़े राष्ट्रीयवफ्त बैंक के अंतर्गत लिये गये हैं।

34,788 बैंक सुविधायुक्त केंद्रों में से जमाराशियों की मात्रा के अनुसार क्रम में रखे गए शीर्ष सौ केंद्रों की जमाराशि कुल जमाराशियों का 65.5 प्रतिशत और बैंक ऋण के हिसाब से शीर्ष सौ केंद्रों का बैंक ऋण कुल बैंक ऋण का 75.8 प्रतिशत था। जून 2005 में शीर्ष सौ केंद्रों की कुल जमा राशि में 18.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि एक वर्ष पहले जून 2004 में यही बढ़ोतरी 22.4 प्रतिशत थी। पिछली तिमाही (मार्च 2005) में शीर्ष सौ केंद्रों की कुल जमा राशि में वफ्द्धि की वार्षिक दर 18.7 प्रतिशत रही। शीर्ष सौ केंद्रों के सकल बैंक ऋण में जून 2004 में हुई 19.8 प्रतिशत की वार्षिक वफ्द्धि दर की तुलना में जून 2005 में काफी अधिक वफ्द्धि हुई। यह वफ्द्धि जून 2005 में 32.9 प्रतिशत (आई डी बी आई लि. के प्रभाव के साथ) रही। शीर्ष सौ केंद्रों के सकल बैंक ऋण में मार्च 2005 में 31.6 प्रतिशत की वार्षिक वफ्द्धि दर्ज़ की गयी।

रिपोर्टिंग कार्यालयों की संख्या के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा बैंक सुविधा प्रदान किये जानेवाले केंद्रों की संख्या 34,788 रही । इन केंद्रों में से 29,350 केंद्रों में मात्र एक बैंक कार्यालय (सिंगल ऑफिस सेंटर्स) था और 42 केंद्र ऐसे थे जहां सौ या इससे अधिक बैंक कार्यालय थे ।

सकल जमाराशियों में समूह के रूप में राष्ट्रीयवफ्त बैंकों के समूह का योगदान 49.2 प्रतिशत था, जबकि भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगियों का योगदान 25.1 प्रतिशत रहा। सकल जमाराशियों में विदेशी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का हिस्सा क्रमश: 4.7 प्रतिशत, 3.4 प्रतिशत और 17.6 प्रतिशत रहा। जहाँ तक सकल बैंक ऋण का प्रश्न है, कुल बैंक ऋण में राष्ट्रीयवफ्त बैंकों का हिस्सा 47.7 प्रतिशत रहा जो सर्वाधिक है, इसके बाद 23.7 प्रतिशत पर भारतीय स्टैंट बैंक व इसके सहयोगी बैंक और 19.0 प्रतिशत पर अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंक रहे। तुलनात्मक रूप से विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल बैंक ऋण में हिस्सा कम रहा जोकि क्रमश: 6.8 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत था।

अखिल भारतीय स्तर पर जून 2005 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का ऋण-जमा अनुपात (सी-डी) 66.5 प्रतिशत रहा। राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में सर्वाधिक ऋण-जमा अनुपात तमिलनाडु (99.8 प्रतिशत) में देखा गया, जबकि इसके बाद चंडीगढ़ (97.3 प्रतिशत) और महाराष्ट्र (95.0 प्रतिशत) का स्थान रहा। बैंक समूह स्तर पर ऋण-जमा अनुपात अखिल भारतीय अनुपात की तुलना में विदेशी बैंकों (96.4 प्रतिशत) और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (71.7 प्रतिशत) में अधिक रहा जबकि भारतीय स्टैट बैंक एवं उसके सहयोगियों (62.8 प्रतिशत), राष्ट्रीयवफ्त बैंकों (64.5 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (54.8 प्रतिशत) के मामले में कम रहा । जनसंख्या समूह के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का ऋण-जमा अनुपात महानगरीय (मेट्रोपोलिटन) केंद्रों में 83.8 प्रतिशत रहा जोकि सर्वाधिक है और इसके बाद ग्रामीण केंद्रों (52.7 प्रतिशत) और शहरी केंद्रों (51.0 प्रतिशत) का स्थान रहा। अर्धशहरी केंद्रों में दर्ज किया गया ऋण-जमा अनुपात 44.9 प्रतिशत रहा जोकि निम्नतम था।

जमा राशियों के आकार के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंक कार्यालयों के फैलाव को देखने से यह पता चलता है कि कुल बैंक कार्यालयों में 47.3 प्रतिशत बैंक कार्यालय 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक की जमा राशियों वाले थे। इन बैंक कार्यालयों का योगदान कुल जमा राशियों में 91.2 प्रतिशत और कुल बैंक ऋण में 88.5 प्रतिशत रहा। 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक ऋण देनेवाले कार्यालयों का प्रतिशत 21.2 रहा। समग्र रूप में सकल बैंक ऋणों में इन कार्यालयों का योगदान 83.8 प्रतिशत रहा, जबकि कुल जमा राशियों में उनका हिस्सा 61.5 प्रतिशत रहा ।

 

अल्पना किल्लावाला

मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/538

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