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"अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - मार्च 2006"

11 जुलाई 2006

"अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - मार्च 2006"

"अनुसूचित वाणिज्य बैकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी - मार्च 2006" मार्च 31, 2006 की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकाें की कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण पर ऑंकड़े दर्शाती है। ये ऑंकड़े मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियों (बीएस्आर)-7 पर आधारित होते हैं जिसे अनुसूचित वाणिज्य बैंकाें (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सम्मिलित) की सभी शाखाओं से प्राप्त किया जाता है। इस तिमाही में 55 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के रुप में हुआ जिससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कुल संख्या 173 से 133 हुई।

मार्च 2006 के लिए बैंक सुविधा युक्त केंद्रों के जनसंख्या समूह वर्गीकरण को संशोधित किया गया है। पहले यह 1991 की जनगणना पर आधारित था; अब इसे 2001 की जनगणना के आधार पर संशोधित किया गया है।जनसंख्या समूहों की परिभाषा/ कट-ऑफ़ साइज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

2001 की जनगणना के अनुसार मार्च 2006 में जनसंख्या समूह वर्गीकरण को अद्यतन किए जाने के चलते बैंकों की शाखाओं/ कार्यालयों के गठन में बदलाव हुआ है। इसका मुख्य कारण यह है कि 1991 की जनगणना की तुलना में 2001 की जनगणना में बैंक सुविधा-युक्त केंद्रों की जनसंख्या बढ़ जाने के कारण वे निम्न जनसंख्या समूह से उच्चतर जनसंख्या समूह के ग्रेड में शामिल हो गए । दिसंबर 2005 के अंतिम शुक्रवार (30 दिसंबर 2005) और 31 मार्च 2006 की स्थिति इस प्रकार रही :

शाखाओं/ कार्यालयों और बैंक सुविधा-युक्त केंद्रों की संख्या

(प्रतिशत)

जनसंख्या समूह

30 दिसंबर, 2005 @

31 मार्च, 2006@@

शाखा/ कार्यालय

बैंक सुविधा-युक्त केंद्र

शाखा/ कार्यालय

बैंक सुविधा-युक्त केंद्र

ग्रामीण

46.6

84.6

44.5

82.0

अर्ध-शहरी

22.6

14.5

22.2

16.8

शहरी

17.0

0.9

17.3

1.2

महानगरीय

13.7

0.1

16.0

0.1

कुल

100.0
(68,363)

100.0
(34,711)

100.0
(68,681)

100.0
(34,511)

@: 1991 की जनगणना पर आधारित @@: 2001 की जनगणना पर आधारित

कोष्ठक में दिए गए अंक क्रमश: शाखाओं/कार्यालयों और बैंक सुविधा युक्त केंद्रों की संख्या दर्शाते हैं।

दिसंबर 2005 के अंतिम शुक्रवार (30 दिसंबर 2005) और 31 मार्च 2006 की स्थिति की स्थिति के अनुसार कुल जमाराशियों और कुल बैंक ऋण का जनसंख्या-समूह-वार हिस्सा इस प्रकार रहा:

कुल जमाराशियां और सकल बैंक ऋण

(प्रतिशत)

जनसंख्या समूह

30 दिसंबर, 2005 @

31 मार्च, 2006@@

कुल जमाराशियां

सकल बैंक ऋण

कुल जमाराशियां

सकाल बैंक ऋण

ग्रामीण

11.6

9.3

10.8

8.4

अर्ध-शहरी

16.5

11.2

14.4

10.0

शहरी

21.3

16.4

20.6

16.4

महानगरीय

50.6

63.1

54.1

65.3

कुल

100.0

(19,24,624)

100.0

(13,64,326)

100.0

(20,93,042)

100.0

(15,17,497)

@: 1991 की जनगणना पर आधारित @@: 2001 की जनगणना पर आधारित

कोष्ठक में दिए गए अंक क्रमश: कुल जमाराशियां और सकल बैंक ऋण करोड़ रु. में दर्शाते हैं।

शाखाओं/कार्यालयों और बैंक सुविधा युक्त केंद्रों के वितरण स्वरूप में बदलाव का असर कुल जमाराशियों और कुल बैंक ऋण की जनसंख्या-समूह-वार वृद्धि दरों पर भी पड़ा है। 30 दिसंबर 2005 के आँकड़ों के लिए बैंक सुविधा युक्त केंद्रों को 1991 की जनगणना के आधार पर बाँटा गया था जबकि 31 मार्च 2006 के लिए 2001 की जनगणना को आधार बनाया गया है। यही कारण है कि विभिन्न वर्गों में केंद्रों की संख्या में परिवर्तन हुआ है और शाखाओं की संख्या में भी। पिछली तिमाही और वर्ष से जनसंख्या-समूह-वार तुलना यहाँ नहीं लागू होगी। वैसे अन्य विशेषताओं के आधार पर आंकडों की तुलना की जा सकती है।

तथापि, मार्च 2006 की जनसंख्या-समूह-वार वृद्धि दरों को मार्च 2005 की तुलनीय स्थितियों के अनुसार अर्थात् 2005 की शाखाओं को भी 2001 की जनगणना के आधार पर बाँट कर निकाला गया है।

रिपोर्टिंग कार्यालयों की संख्या के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों ने जिन बैंक सुविधायुक्त केन्द्रों को सेवा दी उनकी संख्या 34,511 रही। इन वे न्द्रों में से 29,054 एकल कार्यालय केंद्र (सिंगल ऑफिस सेंटर्स) थे और 45 केंद्र ऐसे थे जिनके बैंक कार्यालय 100 या इससे अधिक थे।

34, 511 बैंक सुविधायुक्त केंद्रों में से जमाराशियों के अनुसार क्रम में रखे गये शीर्ष सौ केंद्रों की जमाराशि कुल जमाराशि का 67.0 प्रतिशत और बैंक ऋण के हिसाब से शीर्ष सौ केंद्रों का बैंक ऋण कुल बैंक ऋण 76.5 प्रतिशत था। मार्च 2006 में शीर्ष सौ केंद्रों की कुल जमा राशि में पिछले वर्ष से 22.4 प्रतिशत की बढोतरी हुई, जबकि मार्च 2005 में वही बढ़ोतरी 18.7 प्रतिशत थी। शीर्ष सौ केंद्रों के सकल बैंक ऋण में मार्च 2006 में 31.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज हुई जबकि मार्च 2005 में यह वृद्धि 31.9 प्रतिशत रही।

समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमा राशियों में 48.4 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगियों का योगदान 23.4 प्रतिशत का रहा। विदेशी बैंको, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का कुल जमा राशियों में क्रमश: 5.3 प्रतिशत, 3.4 प्रतिशत और 19.4 प्रतिशत का हिस्सा रहा। जहॉं तक सकल बैंक ऋण का प्रश्न है, कुल बैंक ऋण में सर्वाधिक 47.5 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीयकृत बैंको का रहा, जबकि इसके ठीक पीछे भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगी बैंक 23.1 प्रतिशत और अन्य अनुसूचित वाणिज्यि बैंक 20.2 प्रतिशत रहे। तुलनात्मक रुप से विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल बैंक ऋण में हिस्सा कम रहा - क्रमश: 6.5 प्रतिशत और 2.6 प्रतिशत।

अखिल भारतीय स्तर पर मार्च 31, 2006 व ी स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के ऋण और जमा राशियों (सी - डी) के अनुपात 72.5 प्रतिशत रहा। राज्यों / संघशासित क्षेत्रों में सर्वाधिक सी-डी का अनुपात तमिलनाडु (105.9 प्रतिशत) में देखा गया, जबकि इसके बाद महाराष्ट्र (101.5 प्रतिशत) का स्थान रहा। बैंक समूह स्तर पर सी-डी अनुपात अखिल भारतीय अनुपात की तुलना में विदेशी बैंकों (88.4 प्रतिशत) और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैँकों (75.6 प्रतिशत) में अधिक रहा और भारतीय स्टैंट बैंक और उसके सहयोगियों (71.6 प्रतिशत) , राष्टी्रयकृत बैंकों (71.1 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (55.9 प्रतिशत) के मामले में कम रहा। जनसंख्या समूह के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा राशि और ऋण (सी-डी) अनुपात में महानगर (मेट्रोपोलिटन) केंद्रों का सी-डी अनुपात सर्वाधिक 87.5 प्रतिशत रहा। शहरी केंद्रों (57.5 प्रतिशत) और ग्रामीण केंद्रों (56.3 प्रतिशत) का स्थान उसके बाद रहा और अर्धशहरी केंद्रों में 50.0 प्रतिशत का निम्नतम सी-डी अनुपात देखा गया।

जमा राशियों के आकार के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंक कार्यालयों के वितरण को देखने से यह पता चलता है कि कुल बैंक कार्यालयों में 51.3 प्रतिशत बैंक कार्यालय 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक की जमा राशियों वाले थे। कुल जमा राशियों में इन बैंक कार्यालयों का योगदान 92.5 प्रतिशत और कुल बैंक ऋण में 90.2 प्रतिशत रहा। जिन कार्यालयों ने 10 करोड़ रुपये या अधिक का ऋण दिया उनका प्रतिशत 27.1 रहा। समग्र रूप में इन कार्यालयों ने कुल बैंक ऋण का 87.4 प्रतिशत ऋण दिया, जबकि कुल जमा राशियों में उनका हिस्सा 69.2 प्रतिशत रहा।

पी.वी.सदानंदन

प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/ 45

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