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अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियां और बैंक ऋण की तिमाही सांख्यिकी : सितंबर 2005

10 जनवरी 2006

अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियां और बैंक ऋण की तिमाही सांख्यिकी : सितंबर 2005

अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियाँ और बैंक ऋण की तिमाही सांख्यिकी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की सितंबर 2005 के अंतिम शुक्रवार तक की कुल जमाराशियाँ और सकल बैंक ऋण संबंधी आंकड़े प्रस्तुत करती है। प्रारंभिक आंकड़े सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) की शाखाओं से बीएसआर-7 विवरणी के माध्यम से इकट्ठा किये गये हैं। इस तिमाही के दौरान 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का 9 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में समामेलन हो गया, जिससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 196 से कम होकर 177 हो गयी।

रिपोर्टिंग कार्यालयों के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों द्वारा जिन्हें सेवा दी जाती है ऐसे बैंक सुविधावाले केंद्रों की संख्या 34,747 थी। इन केंद्रों में 29,303 एकल कार्यालय केंद्र थे और 40 केंद्रों में 100 या अधिक बैंक कार्यालय थे।

जमाराशियों के आकार के अनुसार रखे गये इन 34,747 बैंक सुविधावाले केंद्रों से सौ सर्वोच्च केंद्रों का कुल जमाराशियों में 66.2 प्रतिशत का हिस्सा रहा। उसी प्रकार, बैंक ऋण के आकार के अनुसार रखे गये सर्वोच्च सौ केंद्रों का कुल बैंक ऋण में 75.9 प्रतिशत हिस्सा रहा। सर्वोच्च सौ केंद्रों की कुल जमाराशियां सितंबर 2004 में एक वर्ष पहले 19.6 प्रतिशत की तुलना में सितंबर 2005 में 24.2 प्रतिशत बढ़ी। सर्वोच्च सौ केंद्रों के बैंक ऋण की वार्षिक वृद्धि दर सितंबर 2004 को एक वर्ष पहले दर्ज़ 24.9 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में सितंबर 2005 में 37.8 प्रतिशत पर उच्चतर रही (आइडीबीआइ लिमिटेड के प्रभाव को शामिल करते हुए)।

एक समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमाराशियों के 49.6 प्रतिशत जमाराशियों का योगदान दिया, जबकि भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों ने 24.6 प्रतिशत का हिस्सा बनाया। कुल जमाराशियों में विदेशी बैंकों का हिस्सा 4.9 प्रतिशत, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का हिस्सा 3.3 प्रतिशत और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का हिस्सा 17.7 प्रतिशत रहा। सकल बैंक ऋण के मामले में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल बैंक ऋणों के 47.8 प्रतिशत का हिस्सा बनाया, जबकि भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों ने 23.8 प्रतिशत के हिस्से का और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों ने 18.9 प्रतिशत का दावा किया। विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का हिस्सा कुल बैंक ऋण में सापेक्षत: कम अर्थात् क्रमश: 6.7 प्रतिशत और 2.8 प्रतिशत रहा।

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का अखिल भारतीय स्तर पर ऋण जमा अनुपात सितंबर 2005 के अंतिम शुक्रवार तक 68.1 प्रतिशत निकला है। राज्यों/संघशासित क्षेत्रों में ऋण जमा अनुपात तमिलनाडु में उच्चतम (103.2 प्रतिशत) था, जिसके बाद महाराष्ट्र (96.3 प्रतिशत), चंडीगढ़ (94.9 प्रतिशत) का क्रम आता है। बैंक समूह स्तर पर ऋण जमा अनुपात विदेशी बैंकों (93.1 प्रतिशत), अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (72.9 प्रतिशत) के लिए अधिक और भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों के लिए (65.9 प्रतिशत) और राष्ट्रीयकृत बैंकों (65.7 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (57.0 प्रतिशत) के लिए कम था। जनसंख्या समूह-वार सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का ऋण जमा अनुपात महानगरीय केंद्रों में 85.0 प्रतिशत पर उच्चतम रहा, जिसके बाद ग्रामीण केंद्रों (54.4 प्रतिशत), शहरी केंद्रों (52.3 प्रतिशत) का क्रम आता है। अर्ध-शहरी केंद्रों ने 46.5 प्रतिशत का न्यूनतम ऋण जमा अनुपात दर्ज किया।

अनुसूचित वाणिज्य बैंक कार्यालयों के जमाराशियों के आकार का वितरण यह सूचित करता है कि 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक जमाराशियों वाले कार्यालय कुल बैंक कार्यालयों का 48.8 प्रतिशत का हिस्सा बनाते हैं और कुल बैंक जमाराशियों में उनका हिस्सा 91.8 प्रतिशत रहा और कुल बैंक ऋण में उन्होंने 89.1 प्रतिशत का हिस्सा बनाया है। ऐसे कार्यालय, जिनका 10 करोड़ रुपये या अधिक का ऋण है, कार्यालयों की कुल संख्या में उनका हिस्सा 23.3 प्रतिशत रहा। इन कार्यालयों ने कुल बैंक ऋण में इकट्ठा 85.0 प्रतिशत का हिस्सा बनाया है जबकि कुल जमाराशियों में उनका हिस्सा 64.0 प्रतिशत था। यह प्रकाशन भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर भी उपलब्ध है।

पी. वी. सदानंदन

प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2005-2006/861

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