अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - सितंबर 2006 - आरबीआई - Reserve Bank of India
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - सितंबर 2006
12 जनवरी 2007
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियों और ऋण की तिमाही सांख्यिकी - सितंबर 2006
‘‘अनुसूचित वाणिज्य बैकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी - सितंबर 2006’’ सितंबर 2006 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की कुल जमाराशियों और सकल बैंक ऋण पर आँकड़े दर्शाती है। ये आंक़डे मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियों (बीएस्आर)-7 पर आधारित होते हैं जिसे अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सम्मिलित) की सभी शाखाओं से प्राप्त किया जाता है। इस तिमाही में 9 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का विलय 4 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के रुप में हुआ जिससे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कुल संख्या जून 2006 तिमाही के अंत में 109 से कम होकर सितंबर 2006 तिमाही के अंत में 104 हुई।
मार्च 2006 तिमाही और उसके आगे से बैंक सुविधा युक्त केंद्रों के वर्गीकरण को 2001 की जनगणना के आधार पर बाँटा गया है। पहले यह 1991 की जनगणना पर आधारित था; परंतु जनसंख्या समूहों की परिभाषा/कट-ऑफ़ साइज में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
2001 की जनगणना के अनुसार मार्च 2006 से जनसंख्या समूह वर्गीकरण को अपडेट किए जाने के कारण बैंकों की शाखाओं/कार्यालयों के गडन में बदलाव हुआ है। शाखाओं/कार्यालयों और बैंक सुविधा युक्त केंद्रों के वितरण स्वरूप में बदलाव का असर कुल जमाराशियों और कुल बैंक ऋण की जनसंख्या-समूह-वार वृद्धि दरों पर पडा है। दिसंबर 2005 तिमाही तक के आँकड़ों के लिए बैंक सुविधा युक्त केंद्रों को 1991 की जनगणना के आधार पर बाँटा गया था जबकि मार्च 2006 तिमाही और उससे आगे से 2001 की जनगणना को आधार बनाया गया है। अत: दिसंबर 2005 तक की तिमाहियों से जनसंख्या-समूह-वार तुलना नहीं हो सकती है। वैसे अन्य विशेषताओं के आधार पर अंकों की तुलना की जा सकती है।
सितंबर 2006 की जनसंख्या-समूह-वार वृद्धि दरों को सितंबर 2005 की तुलनीय स्थितियों के अनुसार अर्थात् 2005 की शाखाओं को 2001 की जनगणना के अनुसार पुन: वर्गीकरण करके किया गया है।
रिपोर्टिंग कार्यालयों की संख्या के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों ने जिन बैंक सुविधायुक्त केद्रों को सेवा दी उनकी संख्या 34,469 रही। इन केद्रों में से 28,965 एकल कार्यालय केंद्र (सिंगल ऑफिस सेंटर्स) थे और 46 केंद्र ऐसे थे जिनके बैंक कार्यालय 100 और इससे अधिक थे।
34,469 बैंक सुविधायुक्त केंद्रों में से जमाराशियों के अनुसार क्रम में रखे गये शीर्ष सौ केंद्रों की जमाराशि कुल जमाराशि का 67.9 प्रतिशत और बैंक ऋण के हिसाब से शीर्ष सौ केंद्रों का बैंक ऋण कुल बैंक ऋण 76.7 प्रतिशत था। सितंबर 2006 में शीर्ष सौ केंद्रों की कुल जमा राशि में पिछले वर्ष से 24.7 प्रतिशत की बढोतरी हुई, जबकि सितंबर 2005 में वही बढ़ोतरी 24.2 प्रतिशत थी। शीर्ष सौ केंद्रों के सकल बैंक ऋण में सितंबर 2006 में 31.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज हुई। यह वृद्धि सितंबर 2005 में 37.8 प्रतिशत रही।
बैंक समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमा राशियों में 49.0 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगियों का योगदान 22.5 प्रतिशत का रहा। अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल जमा राशियों में क्रमश: 20.0 प्रतिशत, 5.3 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत का हिस्सा रहा। सकल बैंक ऋण के संदर्भ में कुल बैंक ऋण में सर्वाधिक 48.0 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीयकृत बैंकों का रहा, जबकि इसके ठीक पीछे भारतीय स्टैंट बैंक और इसके सहयोगी बैंक 22.8 प्रतिशत और अन्य अनुसूचित वाणिज्यि बैंक 20.1 प्रतिशत रहे। तुलनात्मक रुप से विदेशी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल बैंक ऋण में हिस्सा कम रहा - क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 2.6 प्रतिशत।
अखिल भारतीय स्तर पर सितंबर 2006 के अंतिम शुक्रवार की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के ऋण और जमा राशियों (सी - डी) का अनुपात 73.0 प्रतिशत रहा। राज्यों / संघशासित क्षेत्रों में सर्वाधिक सी-डी का अनुपात तमिलनाडु (108.8 प्रतिशत) में देखा गया, जबकि इसके बाद महाराष्ट्र (99.1 प्रतिशत) का स्थान रहा। बैंक समूह स्तर पर सी-डी अनुपात अखिल भारतीय अनुपात की तुलना में विदेशी बैंकों (90.6 प्रतिशत), भारतीय स्टैंट बैंक और उसके सहयोगियों (73.9 प्रतिशत) और अन्य अनुसूचित वाणिज्य बैँकों (73.3 प्रतिशत) में अधिक रहा और राष्टीयकृत बैंकों (71.4 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (58.7 प्रतिशत) के मामले में कम रहा। जनसंख्या समूह के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा राशि और ऋण (सी-डी) अनुपात में महानगर (मेट्रोपोलिटन) केंद्रों का सी-डी अनुपात सर्वाधिक 87.3 प्रतिशत रहा। ग्रामीण केंद्रों (57.8 प्रतिशत) और शहरी केंद्रों (57.4 प्रतिशत) का स्थान उसके बाद रहा और अर्धशहरी केंद्रों में 51.0 प्रतिशत का निम्नतम सी-डी अनुपात देखा गया।
जमा राशियों के आकार के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंक कार्यालयों के वितरण को देखने से यह पता चलता है कि कुल बैंक कार्यालयों में 52.8 प्रतिशत बैंक कार्यालय 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक की जमा राशियों वाले थे। कुल जमा राशियों में इन बैंक कार्यालयों का योगदान 93.2 प्रतिशत और कुल बैंक ऋण में 89.0 प्रतिशत रहा। जिन कार्यालयों ने 10 करोड रुपये या अधिक का ऋण दिया उनका प्रतिशत 29.5 रहा। समग्र रुप में इन कार्यालयों ने कुल बैंक ऋण का 88.4 प्रतिशत दिया, जबकि कुल जमा राशियों में उनका हिस्सा 71.0 प्रतिशत रहा।
पी.वी.सदानंदन
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2006-2007/945