विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों (एपी) को लाइसेंस प्रदान करने संबंधी रूपरेखा का युक्तिकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों (एपी) को लाइसेंस प्रदान करने संबंधी रूपरेखा का युक्तिकरण
फेमा, 1999 के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों (एपी) को लाइसेंस प्रदान करने संबंधी रूपरेखा की समीक्षा आखिरी बार मार्च 2006 में की गई थी। पिछले दो दशकों में फेमा के अंतर्गत प्रगतिशील उदारीकरण, वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ते एकीकरण, भुगतान प्रणालियों के डिजिटलीकरण, संस्थागत संरचना के विकास आदि, को ध्यान में रखते हुए, एपी को लाइसेंस प्रदान करने संबंधी रूपरेखा को युक्तिसंगत और सरल बनाने का निर्णय लिया गया है। समीक्षा का उद्देश्य तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करना, उचित जांच और संतुलन बनाए रखते हुए आम व्यक्तियों, पर्यटकों और व्यवसायों को विदेशी मुद्रा सुविधाओं की सुपुर्दगी में परिचालन दक्षता प्राप्त करना है। जैसा कि 08 जून 2023 को विकासात्मक और विनियामक नीतियों पर वक्तव्य में घोषणा की गई थी, फेमा के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों (एपी) को लाइसेंस प्रदान करने संबंधी रूपरेखा का मसौदा भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर रखा गया है। रूपरेखा के मसौदा पर टिप्पणियाँ/ प्रतिक्रिया सभी हितधारकों से आमंत्रित की जाती हैं और उसे ईमेल (apframeworkreview@rbi.org.in) के माध्यम से 31 जनवरी 2024 तक विषय पंक्ति में “फेमा के अंतर्गत प्राधिकृत व्यक्तियों को लाइसेंस प्रदान करने संबंधी रूपरेखा पर प्रतिक्रिया” के साथ प्रेषित किया जा सकता है।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1543 |