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भारतीय रिज़र्व बैंक ने चलनिधि प्रबंधन के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात में कमी की घोषणा की

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10 अक्टूबर 2008

भारतीय रिज़र्व बैंक ने चलनिधि प्रबंधन के लिए
आरक्षित नकदी निधि अनुपात में कमी की घोषणा की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 6 अक्टूबर 2008 को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) में 50 आधार बिंदुओं तक कमी करते हुए इसे 11 अक्टूबर 2008 को शुरू होनेवाले पखवाड़े से उनकी निवल माँग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 8.5 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। यह उपाय घरेलू वित्तीय बाज़ारों में चलनिधि डालने की दृष्टि से किया था ताकि वैश्विक वित्तीय वातावरण में गिरावट के द्वारा आये हुए दबावों को दूर किया जा सके। आगे आने वाले दिनों में वैश्विक स्थिति और खराब हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाज़ारों और मुद्रा बाज़ारों में एक उल्लेखनीय प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। संपूर्ण विश्व के केंद्रीय बैंकों ने चलनिधि डालने के उपायों सहित नीति कार्रवाईयों के समेकन द्वारा इन असाधारण गतिविधियों पर कार्रवाई की है।

अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय वातावरण में अचानक परिवर्तनों के संदर्भ में यह नोट करना महत्त्वपूर्ण है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की समष्टि आर्थिक मौलिकताएं सुदृढ़ एवं अनुकूल हैं और यह कि भारत की वित्तीय प्रणाली मज़बूत, सुव्यवस्थित पूँजीकृत और सुनियंत्रित है। भारत में मुद्रा और विदेशी मुद्रा बाज़ार सापेक्षत: एक व्यवस्थित तरीके से परिचालन कर रहे हैं। वर्तमान घरेलू स्थितियाँ अनिवार्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाज़ारों में प्रतिकूल गतिविधियों और आत्यंतिक अनिश्चितता का प्रतिबिंब हैं।

बाज़ार सहभागियों को आश्वस्त किया जाता है कि रिज़र्व बैंक किसी चलनिधि अपेक्षा जो भारी और अस्थिर बाह्य स्थिति के संदर्भ में उत्पन्न हो सकती है को तेजी से पूरा करने के लिए तैयार है।

तदनुसार, वैश्विक और घरेलू गतिविधियों के संदर्भ में उभरती हुई चलनिधि स्थिति की समीक्षा के उपरांत यह निर्णय लिया गया है कि 6 अक्टूबर 2008 को घोषित 50 आधार बिंदुओं की कमी के बदले 11 अक्टूबर 2008 को शुरू होने वाले पखवाड़े से आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) में 150 आधार बिंदुओं तक कमी करते हुए निवल माँग और मीयादी देयताओं (एनडीटीएल) का 7.50 प्रतिशत किया जाए। आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) में इस कमी के परिणामस्वरूप प्रणाली में 60,000 करोड़ रुपए (पूर्व में घोषित 20,000 करोड़ रुपए डाले जाने के बदले) डाले जाएंगे।

रिज़र्व बैंक गतिविधियों की निकट से और लगातार निगरानी कर रहा है और तेजी से कार्रवाई करेगा तथा घरेलू वित्तीय स्थिरता, मूल्य स्थिरता और मुद्रास्फीति प्रत्याशाओं तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि की गति को जारी रखने पर होने वाले किन्हीं प्रतिकूल बाह्य गतिविधियों के प्रति भी पूर्व कार्रवाई करेगा। रिज़र्व बैंक वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के प्रति प्रतिबद्ध है तथा सभी नीति लिखतों का उपयोग करते हुए सक्रिय और लचीला चलनिधि प्रबंध इस उद्देश्य का अभिन्न भाग है।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/467

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