भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स मार्गदर्शक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मेसर्स मार्गदर्शक फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड का पंजीकरण प्रमाणपत्र निरस्त किया
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक ने निम्नलिखित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) को जारी पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) निरस्त कर दिया है:
अतः उपर्युक्त कंपनी, इसके पश्चात, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-I के खंड (ए) में यथापरिभाषित गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था (एनबीएफ़आई) का कारोबार नहीं करेगी।
रिज़र्व बैंक ने सीओआर को निम्नलिखित कारणों से निरस्त किया है:
i) सांविधिक लेखापरीक्षा के अनुसार, 31 मार्च 2021 तक, कंपनी नकदी प्रवाह के मुद्दों का सामना कर रही थी और इसने अपने ऋणदाताओं को ₹49.27 करोड़ की चुकौती करने में चूक की। इसके अलावा, लेखापरीक्षकों ने पाया है कि घाटे (₹187 करोड़) और उच्च निवल एनपीए (₹82.37 करोड़) के कारण ठोस अनिश्चितता है जो कंपनी के कार्यशील संस्था के रूप में जारी रहने की क्षमता पर अर्थपूर्ण संदेह उत्पन्न करती है। ii) 31 मार्च 2021 तक, कंपनी 5 करोड़ रुपये की न्यूनतम विनियामक एनओएफ और एनबीएफसी-एमएफआई के लिए निर्धारित 15% का न्यूनतम पूंजी पर्याप्तता अनुपात बनाए रखने में विफल रही है। iii) 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए तुलन-पत्र को अंतिम रूप देने में विलंब हुआ, क्योंकि इसे लगभग 7 महीने बाद 22 अक्तूबर 2021 को अंतिम रूप दिया गया। iv) पर्यवेक्षी विवरणियाँ प्रस्तुत करने में काफी विलंब हुआ। v) 1-30 दिनों की विभिन्न परिपक्वता अवधियों में, निर्धारित प्रारंभिक सीमा से अधिक निवल संचयी नकारात्मक विसंगतियाँ हैं। vi) कंपनी, बैंक द्वारा मांगी गई आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने में विफल रही तथा इसने ऑन साइट निरीक्षण के दौरान सहयोग करने तथा खाता बही या अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने से इनकार किया।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/960 |