भारतीय रिज़र्व बैंक ने जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 6 अक्तूबर 2025 के आदेश द्वारा “जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक का बैंकिंग लाइसेंस इससे पहले 30 जून 2016 के आदेश द्वारा रद्द किया गया था और बैंक द्वारा की गई अपील पर 23 अक्तूबर 2019 को बहाल कर दिया गया था। अपीलीय प्राधिकारी, जिसने अपील स्वीकार की थी, ने निदेश दिया था कि वित्तीय स्थिति के आकलन हेतु वित्त वर्ष 2013-14 के लिए बैंक की फोरेंसिक लेखापरीक्षा कराई जाए। रिज़र्व बैंक ने एक फोरेंसिक लेखापरीक्षक नियुक्त किया, लेकिन बैंक के असहयोग के कारण लेखापरीक्षा पूरी नहीं की जा सकी। इस बीच, रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए आकलन के अनुसार बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती गई। भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्न कारणों से बैंक का लाइसेंस रद्द किया:
2. परिणामस्वरूप, बैंक 7 अक्तूबर 2025 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने के लिए आदेश जारी करें और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करें। 3. लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, “जीजामाता महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र” को तत्काल प्रभाव से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में यथापरिभाषित 'बैंकिंग' कारोबार, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ जमाराशियों को स्वीकार करने और जमाराशियों की चुकौती करना शामिल हैं, करने से प्रतिबंधित किया गया है। 4. परिसमापन के बाद, प्रत्येक जमाकर्ता, डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से ₹5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपने जमाराशि के संबंध में जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। 30 सितंबर 2024 की स्थिति के अनुसार कुल जमा राशियों की 94.41% डीआईसीजीसी बीमा के अंतर्गत शामिल हैं। (ब्रिज राज) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/1264 |