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भारतीय रिज़र्व बैंक ने साधना को-ऑपरेटिव बैंक लि., महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया

03 फरवरी 2009
 

भारतीय रिज़र्व बैंक ने साधना को-ऑपरेटिव बैंक लि., महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द किया

 
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआइ) ने 22 जनवरी 2009 को साधना को-ऑपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, जिला कोल्हापुर, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द कर दिया है। लाइसेंस इसलिए रद्द किया गया क्योंकि बैंक अर्थक्षम नहीं रह गया था और महाराष्ट्र सरकार के परामर्श से बैंक को पुनरुज्जीवित करने के प्रयास असफल हो गए थे तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को असुविधा हो रही थी। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
 

लाइसेन्स रद्द किये जाने के परिणामस्वरूप साधना को-ऑपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, जिला कोल्हापुर, महाराष्ट्र पर बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(ख) के अंतर्गत यथापारिभाषित जमाराशियां स्वीकार करने और उन्हें वापस लौटाने सहित ‘बैंकिंग कारोबार’ करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

 
लाइसेन्स रद्द किये जाने और समापन प्रक्रिया आरंभ करने से साधना को-ऑपरेटिव बैंक लि., इचलकरंजी, जिला कोल्हापुर, महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा योजना की शर्तों के अधीन जमाराशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।
 

बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार होता है।

 

किसी भी स्पष्टीकरण के लिए जमाकर्ता श्री पी.के.अरोड़ा, उप महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय, दूसरी मंज़िल, गारमेंट हाउस, मुंबई-400018 से संपर्क कर सकते हैं। टेलीफोन नंबरः(022) 24939930-49 सीधी लाईन: (022) 24935348, फैक्स नंबरः (022) 24935495, ई-मेल:

 
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग कारोबार करने के लिए बैंक को 18 जून 1996 को लाईसेंस प्रदान किया था। 31 मार्च 2007 तक की स्थिति के लिए बैंक के निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक कि वित्तीय स्थिति खराब हो गई है। 31 मार्च 2008 तक की वित्तीय स्थिति के लिए बैंक के अद्यतन सांविधिक निरीक्षण से बैंक की वित्तीय स्थिति और अधिक खराब होने की जानकारी मिली। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 04 सितंबर 2008 को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35(क) के अंतर्गत बैंक पर सभी समावेशित निर्देश जारी किए। अन्य बातों के बीच इन निर्देशों में नयी जमाराशियाँ स्वीकार करने और आगे ऋण देने पर प्रतिबंध तथा प्रति जमाकर्ता को जमाराशियों पर अधिकतम 1,000/- रु. तक की चुकौती शामिल है।
 
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंक को 12 सितंबर 2008 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसमें यह कहा गया था कि उन्हें बैंकिंग कारोबार करने के लिए जारी किया गया लाइसेंस क्यों न रद्द कर दिया जाए तथा बैंक के समापन की कार्रवाई की जाए। कारण बताओ नोटिस पर बैंक द्वारा दिए गए उत्तर की जांच की गयी और इसे असंतोषप्रद पाया गया। बैंक के पास उसे पुनरुज्जीवित किए जाने की कोई ठोस कार्य योजना नहीं थी अथवा इसके विलय के लिए कोई प्रस्ताव नहीं था। अत: इसका लाइसेंन्स रद्द करने का निर्णय लिया गया।

जी.रघुराज

 उप महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2008-2009/1221

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