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भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री मल्लिकार्जुन पट्टन सहकारी बैंक नियामिता, मस्की, कर्नाटक का लाइसेंस रद्द किया

22 सितंबर 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री मल्लिकार्जुन पट्टन सहकारी बैंक नियामिता, मस्की, कर्नाटक
का लाइसेंस रद्द किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा “श्री मल्लिकार्जुन पट्टन सहकारी बैंक नियामिता, मस्की, कर्नाटक” का लाइसेंस रद्द कर दिया है। परिणामस्वरूप, बैंक 22 सितंबर 2023 को कारोबार की समाप्ति से बैंकिंग कारोबार नहीं कर सकता है। सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, बेंगलुरु से भी अनुरोध किया गया है कि वे बैंक का समापन करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करें।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने निम्न कारणों से बैंक का लाइसेंस रद्द किया:

  1. बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं हैं। इस प्रकार, यह बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11 (1) और धारा 22 (3) (डी) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं करता है;

  2. बैंक, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धाराओं 22 (3) (ए), 22 (3) (बी), 22 (3) (सी), 22 (3) (डी) और 22 (3) (ई) की अपेक्षाओं के अनुपालन में विफल रहा है;

  3. बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है;

  4. बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ होगा; तथा

  5. यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो जनहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा।

2. लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप, श्री मल्लिकार्जुन पट्टन सहकारी बैंक नियामिता, मस्की, कर्नाटक को तत्काल प्रभाव से बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 5 (बी) में परिभाषित 'बैंकिंग' व्यवसाय, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ जमाराशियों को स्वीकार करने और जमाराशियों की चुकौती करना शामिल हैं, करने से प्रतिबंधित किया गया है ।

3. परिसमापन के बाद, प्रत्येक जमाकर्ता, डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत, नि‍क्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी नि‍गम (डीआईसीजीसी) से 5,00,000/- (पांच लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपने जमाराशि के संबंध में जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, लगभग 99.50% जमाकर्ता डीआईसीजीसी से उनकी पूरी जमाराशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 31 मई 2023 तक, डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त सहमति के आधार पर डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 की धारा 18ए के प्रावधानों के अंतर्गत कुल बीमाकृत जमाराशि के 5.38 करोड़ का भुगतान पहले ही कर दिया है।

 

(श्वेता शर्मा) 
उप महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/974

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