रिजर्व बैंक ने दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., बोरियावी (गुजरात)का लाइसेंस रद्द किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिजर्व बैंक ने दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., बोरियावी (गुजरात)का लाइसेंस रद्द किया
22 नवंबर 2010 रिजर्व बैंक ने दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., बोरियावी (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., बोरियावी (गुजरात) का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। लाइसेंस निरस्त करने का आदेश 19 नवम्बर 2010 को कारोबार की समाप्ति के बाद दिया गया। सहकारिता आयुक्त तथा सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, गुजरात राज्य से भी बैंक के समापन और उसके लिए समापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। लाइसेंस निरस्त किए जाने के परिणामस्वरूप दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., बोरियावी (गुजरात) को जमाराशि को स्वीकार करने और उनकी चुकौती करने सहित बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 5(बी) में यथापारिभाषित 'बैंकिंग कारोबार' करने पर रोक लगा दी गई है। लाइसेंस निरस्त किए जाने और समापन प्रक्रिया शुरू होने के साथ दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., बोरियावी (गुजरात) के जमाकर्ताओं को निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी योजना की शर्तों के अधीन भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बैंक के समापन पर हर जमाकर्ता, निक्षेप बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (डीआइसीजीसी) से सामान्य शर्तों के अधीन ₹ 1,00,000 (एक लाख रुपये मात्र) की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमाराशियों को वापस पाने का हकदार है। किसी भी स्पष्टीकरण के लिए, जमाकर्ता श्री सी एन मोदी सहायक महाप्रबंधक, शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, अहमदाबाद से संपर्क कर सकते हैं। उनका संपर्क ब्यौरा निम्नानुसार है: डाक पता : शहरी बैंक विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, ला गज्जर चेंबर, आश्रम रोड, पो.बा.सं.1, अहमदाबाद-380 009. टेलीफोन नंबर : (079) 26589338, 26580512 फैक्स नंबर : (079) 26584853; ई-मेल. रिज़र्व बैंक ने दि बोरियावी पीपल्स को-आपरेटिव बैंक लि., के अर्थक्षम नहीं रह जाने और गुजरात सरकार के परामर्श से बैंक को पुनर्जीवन करने के प्रयास असफल हो जाने तथा सतत अनिश्चितता के कारण जमाकर्ताओं को होनेवाली असुविधा के परिप्रेक्ष्य में लाइसेंस रद्द किया। पृष्ठभूमि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक को 19 दिसम्बर 1986 को बैंकिंग कारोबार करने के लिए लाईसेंस प्रदान किया। 31 मार्च 2008 को समाप्त हुए वर्ष के लिए बैंक के सावंधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक का सी आर ए आर (-) 17.9%, नकारात्मक निवल संपत्ति (-) ₹ 67.40 लाख, 8.1% की सीमा तक जमाराशि का ह्वास हुआ है। बैंक की वित्तीय स्थिति वर्ष 31 मार्च 2009 में तेजी से खराब हुई जिससे बैंक की स्वाधिकृत निधियां को ही न केवल मिटाया बल्कि जमाराशि का भी 22.2% ह्रास हुआ। बैंक की वित्तीय स्थिति अधिक खराब होने के कारण सितम्बर 17, 2009 के पत्र शबैंवि.केंका. एनएसबी.सं.डी ड़ी–67/12.21.31/2009-10 द्वारा बैंक को बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 35ए के अंर्तगत निर्देश जारी किए गए। 31 मार्च 2010 की वित्तीय स्थिति के लिए अनुवर्ती सांविधिक निरीक्षण से यह पता चला कि बैंक की स्थिति अत्यंत खराब हुई है एवं बैंक नें बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी सोसायटियों पर यथालागू) की धारा 11(1), 22 (3) (a) एवं (b) के प्रावधानों का अनुपालन नहीं किया है। बैंक के कायापलट के लिये किसी साकार/व्यवहार्य पुनर्जीवन योजना/विलय प्रस्ताव एवं अपेक्षित विनियामन निर्धारण प्राप्त करने के लिये योजना के अभाव में, बैंक के पुनर्जीवन की आशा नहीं थी। अत:बैंक के जमाकर्ताओं के हित को ध्यान में रखकर भारतीय रिज़र्व बैंक नें लाइसेंस रद्द करने का कठोर निर्णय लिया। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/717 |