भारतीय रिज़र्व बैंक ने नए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरलीकृत और युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने नए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरलीकृत और युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया
17 जून 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने नए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के नई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की पंजीकरण प्रक्रिया को सहज और परेशानी मुक्त बनाने के ले नई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियो के पंजीकरण के लिए फॉर्म और प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की जांच सूची को संशोधित किया गया है। एनबीएफसी आवेदकों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की संख्या को संशोधित प्रक्रिया में मौजूदा 45 दस्तावेजों से घटाकर 7-8 कर दिया गया है। दूसरा, अब निधियों के स्रोत और ग्राहक इंटरफेस के आधार पर जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी-एनडी) के लिए दो विभिन्न प्रकार के आवेदन होंगे। जो निम्नानुसार हैं: क) टाइप I – एनबीएफससी-एनडी जो सार्वजनिक निधि1 स्वीकार नहीं करती हैं/भविष्य में सार्वजनिक निधि स्वीकार नहीं करने का इरादा रखती हैं तथा जिनके पास ग्राहक इंटरफेस2 नहीं है/भविष्य में ग्राहक इंटरफेस नहीं रखने का इरादा रखती हैं ख) टाइप II – एनबीएफसी-एनडी जो सार्वजनिक निधि स्वीकार करती हैं/भविष्य में सार्वजनिक निधि स्वीकार करने का इरादा रखती हैं और/अथवा ग्राहक इंटरफेस रखती हैं/भविष्य में ग्राहक इंटरफेस रखने का इरादा रखती हैं टाइप I – एनबीएफसी-एनडी के मामलों की प्रोसेसिंग के लिए आवेदक तीव्र ट्रैक मोड पर होंगी। चूंकि इन कंपनियों के पास सार्वजनिक निधि की पहुंच नहीं होगी और ग्राहक इंटरफेस नहीं होगा, इसलिए ये कम गहन संवीक्षा करने/सावधानी बरतने के अधीन होंगे। तथापि, टाइप I – एनबीएफसी-एनडी को जारी पंजीकरण प्रमाण-पत्र सशर्त होगा। इन कंपनियों पर सार्वजनिक निधि को एक्सेस करने और ग्राहक इंटरफेस रखने पर पाबंदी होगी। यदि ये कंपनियां सार्वजनिक निधि का लाभ उठाना चाहती हैं या भविष्य में ग्राहक इंटरफेस रखने का इरादा रखती हैं तो उन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक, गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग से अनुमोदन लेने की आवश्यकता होगी। निम्नलिखित फार्म संशोधित किए गए है और रिज़र्व बैंक की वेबसाइट में अपलोड किए गए:
आगे, प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने के उद्देश्य से, नए एनबीएफसी के लिए आवेदन को केंद्रीय कार्यालय, गैर बैंकिंग विनियमन विभाग, के नीचे पते पर सीधे ही प्रस्तुत करें: मुख्य महा प्रबंधक आगे यह भी सूचित किया जाता है कि उल्लेखित जाँच सूची सांकेतिक है और संपूर्ण नहीं हैं। रिज़र्व बैंक, यदि आवश्यक समझे तो, एनबीएफसी के रूप में पंजीकरण की मांग करने वाली कंपनी की पात्रता की जांच करने में अपनी संतुष्टि के लिए आगे किसी भी दस्तावेजों की मांग कर सकता है। जांच सूची में उल्लिखित दस्तावेजों की मांग के अलावा रिज़र्व बैंक द्वारा अन्य दस्तावेज मंगाए जाने की स्थिति में आवेदक कंपनी को निर्धारित एक माह के भीतर ही जवाब देना है। पृष्ठभूमि: यह स्मरण होगा कि पहले द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य-2016-17, में कहा गया था कि नए एनबीएफसी के पंजीकरण की प्रक्रिया को सहज और सुगम बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि नए एनबीएफसी के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और युक्तिसंगत किया जाए। नया आवेदन फार्म सरल होगा और इसमें प्रस्तुत किए जानेवाले आवश्यक दस्तावेजों की संख्या को भी कम किया जाएगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2935 1“सार्वजनिक निधियों" में सार्वजनिक जमाराशियों, वाणिज्यिक पेपरों, डिबेंचरों, अंतर-कॉर्पोरेट जमाराशियों तथा बैंक वित्त के माध्यम से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में जुटाई गई निधियां शामिल होंगी किंतु लिखतें जारी करके जुटाई गई निधियां शामिल नहीं होंगी जिन्हें इश्यू जारी किए जाने की तारीख से 10 वर्ष की अवधि के अंदर अनिवार्य रूप से इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किया जाना हो जैसाकि 5 जनवरी 2011 को जारी अधिसूचना सं. डीएनबीएस (पीडी) सीसी.सं. 206 /03.10.001/2010-11 के तहत जारी मुख्य निवेश कंपनियों के लिए विनियामकीय ढांचे में परिभाषित किया गया है। 2“ग्राहक इंटरफेस” का अर्थ 27 मार्च 2015 को जारी अधिसूचना सं. डीएनबीआर. 008/CGM (सीडीएस) -2015 के तहत जारी गैर-प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार करने या धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 में यथापरिभाषित एनबीएफसी का अपना कारोबार जारी रखते हुए एनबीएफसी और इसके ग्राहकों के बीच अंतःक्रिया है। |