भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को सिक्के स्वीकार करने के निदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को सिक्के स्वीकार करने के निदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकों को सिक्के स्वीकार करने के निदेश
9 अक्तूबर 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज बैंकों को निदेश दिये कि वे अपनी शाखाओं को तत्काल आदेश दें कि वे जनता के किसी भी सदस्य से बिना कोई प्रतिबंधों के सभी मूल्यवर्गों के सिक्के स्वीकार करें और उसका मूल्य नोटों में प्रदान करें।
रिज़र्व बैंक ने बैंकों को यह भी सूचित किया है कि वे सिक्का गणना मशीनों का इस्तेमाल करें या वजन पर सिक्के स्वीकार करें ताकि बैंक काउंटरों पर दिये जाने वाले बड़ी मात्रा के सिक्के, बशर्ते सिक्के छँटाई के बाद दिये गये हों, स्वीकार किये जा सके।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी बैंकों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों को जारी अपने पत्र में यह लिखा है कि रिज़र्व बैंक के पास जनसाधारण, चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स, सहकारी बैंकों से हाल ही में इस आशय की शिकायतें प्राप्त हुईं कि बैंक उनसे सिक्कों का स्वीकार नहीं करते। रिज़र्व बैंक द्वारा किये गये विभिन्न उपायों के कारण दुकानदारों, व्यापारियों, परिवहन उद्यमों और जनसाधारण के पास अब सिक्के मुक्त रूप से उपलब्ध हैं, जिससे जनसाधारण से बैंकों के पास सिक्के वापिस आ रहे हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को ये निदेश भी दिये हैं कि यदि जनता द्वारा काउंटरों पर 5, 10 और 20 पैसे के छोटे मूल्यवर्गों के सिक्के प्राप्त होते हैं, तो वे उनका भी स्वीकार करें। उसने यह लिखा है कि हालांकि 5, 10 और 20 पैसे के मूल्यवर्गों के छोटे सिक्के बनाना बंद कर दिया गया है, पहले जारी सिक्के अब भी परिचालन में हैं और वे वैध मुद्रा बने रहेंगे। जनसाधारण द्वारा यदि ये सिक्के दिये जाते हैं तो बैंक की शाखाओं को अपने काउंटरों पर उनका स्वीकार करना चाहिए।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को सूचित किया है कि वे दीपावली के आगामी त्यौहार को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करें कि अपनी शाखाओं और एटीएम में पर्याप्त मात्रा में बैंक नोट उपलब्ध हैं।
अजीत प्रसाद
प्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2003-2004/480