भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना का दायरा बढ़ाया निष्पक्ष व्यवहार को इसके दायरे में लाया गया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना का दायरा बढ़ाया निष्पक्ष व्यवहार को इसके दायरे में लाया गया
26 दिसंबर 2005 भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना का दायरा बढ़ाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज परिवर्धित दायरे के साथ संशोधित बैंकिंग लोकपाल योजना घोषित की ताकि इसके दायरें में कतिपय नए क्षेत्र शामिल किए जा सकें, जैसे क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतें, वादा की गई सुविधाएं देने में विलंब, जिसमें बैंकों के बिक्री एजेंटों द्वारा किए गए वादे शामिल हैं, ग्राहक को पूर्व सूचना दिए बिना सेवा प्रभार लगाना और अलग-अलग बैंकों द्वारा अपनाई गई अपनी ही निष्पक्ष व्यवहार संहिता का पालन न करना। यह योजना भारत में कारोबार करने वाले सभी वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों पर लागू होगी तथा पहली जनवरी 2006 से प्रभावी होगी। इस कारगर बनाने के उद्देश्य से संशोधित बैंकिंग लोकपाल योजना को पूरा सहारा दिया जाएगा और बैंकों के बजाय रिज़र्व बैंक इसका निधियन करेगा। इस संशोधित बैंकिंग लोकपाल योजना के अंतर्गत, शिकायतकर्ता अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने के साथ-साथ किसी भी रूप में दर्ज करा सकेंगे। साथ ही, बैंक ग्राहक भी बैंकिंग लोकपाल द्वारा जारी अधिनिर्णय के विरूद्ध भी भारतीय रिज़र्व बैंक के पास अपील कर सकेंगे। यह नई योजना बैंक ग्राहकों को बैंकों के विरूद्ध एकदम सामान्य शिकायतों को दूर करने का एक मंच मुहैया कराती है इसमें वे शिकायतें भी शामिल हैं जो क्रेडिट कार्ड, सेवा प्रभार, बैंकों के बिक्री एजेंटों द्वारा किए गए परंतु उस बैंक द्वारा पूरे न किए गए वायदों तथा साथ ही बैंक सेवाएं देने में विलंब से संबंधित हैं। बैंक ग्राहक अब बैंकों द्वारा भुगतान न करने या बिलों या विप्रेषणों के चेकों का भुगतान या वसूली में होने वाले किसी भी अत्यधिक विलंब की शिकायत करने के साथ-साथ बैंकों द्वारा छोटे मूल्यवर्ग के नोट और सिक्के न लेने अथवा छोटे मूल्यवर्ग के नोट और सिक्के लेने के लिए कमीशन लेने की शिकायतें भी कर सकेंगे। रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना सर्वप्रथम 1995 में प्रारंभ की थी ताकि बैंक ग्राहकों को बैंक सेवाओं में कमियों से संबंधित अपनी शिकायतों का समाधान पालने के लिए एक शीघ्र कार्य करने वाला और खर्च रहित मंच प्रदान किया जा सके। यह योजना 2002 में मुख्यतः इस आशय से संशोधित की गई थी ताकि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को इसके दायरे में लाया जा सके और बैंकिंग लोकपाल द्वारा बैंकों के विरूद्ध दिए गए अधिनिर्णय की समीक्षा करने की रिज़र्व बैंक की अनुमति दी जा सके। मौजूदा समय में बैंकिंग लोकपाल के 15 केंद्रों में कार्यालय हैं। रिज़र्व बैंक द्वारा एक स्वतंत्र भारतीय बैंकिंग आचार संहिता और मानक बोर्ड गठित करने का कार्य अंतिम चरण के नज़दीक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बैंकों द्वारा ग्राहकों के साथ निष्पक्ष व्यवहार हेतु व्यापक आचार संहिता तैयार की जाए और उसका अनुसरण किया जाए। भारतीय रिज़र्व बैंक ने अप्रैल 2005 में गवर्नर डॉ. वाई.वी.रेड्डी द्वारा घोषित अपनी वार्षिक नीति 2005-06 में इस बोर्ड के गठन की घोषणा की थी। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी: 2005-2006/783 |