भारतीय रिज़र्व बैंक ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर जारी निदेशों की अवधि 31 जुलाई 2016 तक बढ़ाई - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर जारी निदेशों की अवधि 31 जुलाई 2016 तक बढ़ाई
22 जनवरी 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक ने अधिसूचित किया है कि सीकेपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र को दिनांक 30 अप्रैल 2014 के निदेश के माध्यम से 2 मई 2014 की कारोबार समाप्ति से छह माह की अवधि के लिए निदेशाधीन रखा गया था। उपर्युक्त निदेशों की वैधता हमारे दिनांक 21 अक्तूबर 2014 के संशोधित निदेश द्वारा तीन माह; दिनांक 20 जनवरी 2015 के संशोधित निदेश द्वारा छह माह; दिनांक 9 जुलाई 2015 के संशोधित निदेश द्वारा तीन माह; दिनांक 28 अक्तुबर 2015 के संशोधित निदेश द्वारा तीन माह के लिए बढ़ा दी गई थी। आम जनता को सूचित किया जाता है कि 21 अक्तूबर 2014, 20 जनवरी 2015, 9 जुलाई 2015 और 28 अक्तूबर 2015 के निदेश के साथ पठित 30 अप्रैल 2014 के निदेश की अवधि को दिनांक 19 जनवरी 2016 के संशोधित निदेश द्वारा 31 जनवरी 2016 से 31 जुलाई 2016 तक अगले छ: माह के लिए बढ़ा दिया गया है, जो समीक्षाधीन और निम्नलिखित संशोधनों के अधीन हैः “हर बचत बैंक खाते में या चालू खाते में या सावधि जमा खाते में या किसी अन्य प्रकार के खाते में (किसी भी नाम से जाना जाए) रखे गए कुल शेष राशि में निहित राशि जो ₹ 10,000 (दस हज़ार रुपए) से अधिक न हो, उसे आहरित करने के लिए जमाकर्ता को अनुमति दी जाए, बशर्ते कि इस प्रकार के जमाकर्ता को बैंक के प्रति, उधारकर्ता, बंधक, बैंक जमा के प्रति ऋण के रूप में देयता है तो उसे संदर्भित उधार खाते से पहले समायोजित किया जाए।“ संदर्भित निदेश की अन्य शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। उपर्युक्त वैधता विस्तार और संशोधन को अधिसूचित करने वाले दिनांक 19 जनवरी 2016 के निदेश की एक प्रति बैंक के परिसर में जनता की सूचना के लिए लगाई गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उपरोक्त वैधता बढाने या/और संशोधित करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि भारतीय रिज़र्व बैंक, बैंक की वित्तीय स्थिति में मौलिक सुधार से संतुष्ट है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/1737 |