भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) पर जारी निदेश की अवधि बढ़ाई - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) पर जारी निदेश की अवधि बढ़ाई
2 मार्च 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की और पाया कि जनता के हित में 24 अगस्त 2016 को जारी निदेशों की अवधि बढ़ाने की और निदेशों में संशोधन की आवश्यकता है । तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा निदेश देता है कि श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद को जारी निदेश जिनकी अवधि 28 फरवरी 2017 तक वैध है को समीक्षा के अधीन 1मार्च 2017 से 31 अगस्त 2017 तक आगे 6 माह की अवधि के लिए जारी रखा जाए । आगे भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए की उप-धारा (1) और (2) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्द्वारा निदेश दिए हैं कि श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) को 24 अगस्त 2016 को जारी निदेशों के पैरा1(i) को निम्नानुसार संशोधित किया जाए : “(i) जमाकर्ता को प्रत्येक बचत खाता या चालू खाता या सावधि जमा खाता या अन्य कोई जमा खाता (चाहे जिस किसी नाम से जाना जाता हो) से रु.50,000 (रु.पचास हज़ार मात्र) राशि आहरण करने की अनुमति दी जाए बशर्ते यदि कोई जमाकर्ता बैंक के प्रति उधारकर्ता या जमानतदार जिनमें बैंक जमा के आधार पर दिए गए ऋण भी शमिल है, की हैसियत से देयता रखता है, तो सबसे पहले उक्त राशि को तत्संबंधी उधारखातों में समायोजित किया जाना चाहिए। जमाकर्ता को अदा करने वाली राशि को निलंब खाते में और / या चिह्नि प्रतिभूतियों में अलग से रखना चाहिए जिसका उपयोग, बैंक संशोधित निदेशों के अनुसार केवल जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए करेगा।“ बैंक को अनुमति होगी कि :- (i) निेदेशक से संबंधित ऋणों से अन्य मानक और सुरक्षित सीसी लेखों की वर्तमान ऋण सीमाओं का नवीकरण किया जा सकता है (ii) बैंक को निम्नलिखित अतिरिक्त शर्तों के आधार पर मीयादी जमा के ज़रिए ऋण के समंजन की अनुमति दी जाती है कि यदि उधारकर्ता के ऋण करार में यह प्रावधान है कि विशिष्ट जमा खाते में उपलब्ध राशि (चाहे नाम जो भी हो) की सहायता से बैंक द्वारा उसके ऋण खाते का समायोजन किया जा सकता है, तो ऐसे समायोजन ऋण खाते में उपलब्ध बकाया शेष राशि के लिए किया जा सकता है:
24 अगस्त 2016 के निदेश के माध्यम से सूचित की गई अन्य निबंधन एवं शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी । जनता की सूचना के लिए ब्यौरेवार निदेशों की एक प्रति बैंक के परिसर में लगाई गई है। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/2338 |