भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु पर निदेश जारी किए - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु पर निदेश जारी किए
13 जुलाई 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने अमानत को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, बेंगलूरु जनता की सूचनार्थ एतद्द्वारा अधिसूचित किया जाता है कि बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम 1949 (सहकारी समितियों पर लागू) की धारा 35 क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अमानत को-आपरेटिव बैंक लि., बेंगलूरु को कतिपय निदेश जारी किए गए हैं कि 05 अप्रैल 2013 को कारोबार की समाप्ति से, उपर्युक्त बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, 01 अप्रैल 2013 में अधिसूचित निदेशों के अनुसार किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण, कोई निवेश, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। अधिसूचित निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। उपर्युक्त भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 1,000/- (एक हज़ार रुपए मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति न दी जाए। हमारे 30 सितंबर 2013 के निर्देश के ज़रिए यह निदेश 04 अप्रैल 2014 तक छ: महीनों की अवधि के लिए बढ़ाये गये थे आगे हमारे 27 मार्च 2014 के निदेश के जरिए आगे छ: महीनों के लिए बढ़ाये गये थे। 23 सितंबर 2014 के हमारे निदेश के ज़रिए यह निदेश पुन: 04 जनवरी 2015 तक बढ़ाए गए थे । 29 दिसम्बर 2014 के हमारे निदेश के ज़रिए यह निदेश पुन: 04 जुलाई 2015 तक बढ़ाए गए थे । पुन: दिनांक 25 जून 2015 के हमारे निदेश के ज़रिए यह निदेश 04 जनवरी 2016 तक बढ़ाए गए थे । पुन: दिनांक 23 दिसंबर 2015 के हमारे निदेश के ज़रिए यह निदेश 04 जुलाई 2016 तक बढ़ाए गए थे । एतदद्वारा अधिसूचित किया जाता है कि समीक्षा के अधीन 05 जुलाई 2016 से 04 जनवरी 2017 तक आगे की छ: महीनों की अवधि के लिए उक्त निदेश बैंक पर लागू रहेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अनिरुद्ध डी. जाधव प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/107 |