17 मार्च 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जनता कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि., खामगांव (बुलढाणा), महाराष्ट्र पर जारी निदेशों की अवधि 13 जून 2015 तक बढ़ाई भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि जनता कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि.,खामगांव (बुलढाणा), महाराष्ट्रपर जारी निदेश की अवधि 14 मार्च 2015 से 13 जून 2015 तक तीन माह के लिए बढा दी है तथा ये समीक्षाधीन हैं । यह बैंक सितंबर 2012 से निदेशों के अधीन है। निदेश के अनुसार दि जनता कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लि.,खामगांव भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक व्दारा अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक निदेशों में उल्लिखित शर्तों के अधीन प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को ₹ 1,000/- (एक हज़ार रुपए मात्र) की अधिकतम राशि, निदेश की 14 सितंबर 2012 से 13 जून 2015 तक की अवधि के दौरान, एक ही अवसर पर आहरित करने की अनुमति दी जाएगी। ये निदेश इसके पहले चार अवसरों पर प्रत्येक बार छह माह की अवधि के लिए बढ़ाए गए थे । ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी सोसाइटियों पर यथालागू) की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/1954 |